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निगम को एकमुश्त दिख रहे 30 करोड़ रु. लेकिन लीज धारियों की परेशानी से अनजान
डिजिटल डेस्क जबलपुर । नगर निगम ने शहर में लीज के कुल 572 प्लॉट ही आवंटित किए थे जो कि राइट टाउन, नेपियर टाउन और गोलबाजार में थे लेकिन इनके टुकड़े होते रहे और अब ये प्लॉट्स हो गए हैं 3700, इन दिनों हर लीजधारी की जाँच की जा रही है और उसमें अधिकारियों ने एक पेंच पकड़ लिया है कि जितने भी लीजधारी हैं यदि उन्होंने अपने नाम निगम के दस्तावेजों में नहीं चढ़ावाए हैं या नामांतरण नहीं कराया है तो उन पर कार्रवाई की जा रही है। ऐसे सभी लीजधारियों के नामांतरण कराने से निगम को करीब 30 करोड़ रुपये की राशि मिलेगी लेकिन लीजधारियों का कहना है कि यह निगम की गलती है और वे वर्षों से रह रहे हैं अब अचानक ही फरमान जारी कर दिया गया है, वे 2 से 3 लाख रुपए एकदम से कैसे अरेंज करेंगे।
नगर निगम प्रतिदिन लीजधारियों को नोटिस जारी कर रहा है और जिन्होंने रहवास में व्यावसायिक उपयोग शुरू किया है उन पर कार्रवाई की जा रही है। इस कार्रवाई से किसी को गुरेज नहीं है क्योंकि लोगों का खुद कहना है कि यदि कोई रहवास में व्यावसायिक गतिविधि संचालित कर रहा है तो उसे उसी के अनुसार राशि भी निगम को देनी चाहिए लेकिन केवल नामांतरण के लिए रजिस्ट्री शुल्क का 4 फीसदी वह भी आज की दर से लेना सरासर गलत है।
यह है मामला
लीज के प्लॉट पर कई लोगों ने अपार्टमेंट बनाए या दुकानें बनाईं और उन्हें दूसरे लोगों को बेच दिया। अब निगम ने नोटिस जारी किया है कि जिन्होंने भी फ्लैट या दुकानें खरीदी हैं वे सब लीज नामांतरण कराएँ और उसका शुल्क जमा कराएँ। यह शुल्क लाखों रुपए का है। व्यावसायिक में रजिस्ट्री शुल्क का 8 फीसदी और रहवास का 4 फीसदी शुल्क लिया जाएगा।
राशि देनी पडे़गी
^ यह बात सही है कि निगम के अधिकारियों को इस मामले में पहले ही कार्रवाई करनी थी, लेकिन तब नहीं हुआ और अब नोटिस जारी किए जा रहे हैं इसलिए लोगों को शुल्क तो देना ही होगा।
-पीएन सन्खेरे, राजस्व अधिकारी नगर निगम
Created On :   4 Aug 2020 1:59 PM IST