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सड़क फोरलेन पर 15 साल बाद भी चौड़ी नहीं हो पाई पुलिया, आए दिन हादसे, लग रहा जाम
अनदेखी की पराकाष्ठा - 80 फीट की रोड पर दमोहनाका से आगे मोतीनाला पुल की चौड़ाई 30 फीट से भी कम
वर्षों से खतरा बरकरार, बेिफक्र हैं जिम्मेदार
डिजिटल डेस्क जबलपुर । शहर में विकास के लिए योजनाएँ बनती हैं। इसको लेकर बड़ी-बड़ी बातें की जाती हैं, लेकिन इनका हश्र क्या होता है, इसका एक और जीवंत उदाहरण दमोहनाका के आगे मोतीनाला पुल के रूप में देखा जा सकता है। करीब 15 साल पहले रानीताल से अधारताल तक की सड़क को फोरलेन बनाया गया। लाखों रुपए खर्च हुए। हैरानी की बात यह है नाले की पुलिया आज तक जस की तस है। यह बमुश्किल 30 फीट चौड़ी है। इसके विस्तार के लिए भी खूब बातें हुईं लेकिन सब कागजों में दफन होकर रह गया। हालात यह हैं कि चौड़ी सड़क पर एक दम से अचानक संकीर्ण पुलिया आ जाने की वजह से आए दिन हादसे हो रहे हैं। पूर्व में कई वाहन सीधे नाले में गिर चुके हैं। इसके बावजूद व्यवस्था के कर्ताधर्ता नहीं चेते हैं।
यह बमुश्किल 30 फीट चौड़ी है। इसके विस्तार के लिए भी खूब बातें हुईं लेकिन सब कागजों में दफन होकर रह गया। हालात यह हैं कि चौड़ी सड़क पर एक दम से अचानक संकीर्ण पुलिया आ जाने की वजह से आए दिन हादसे हो रहे हैं। पूर्व में कई वाहन सीधे नाले में गिर चुके हैं। इसके बावजूद व्यवस्था के कर्ताधर्ता नहीं चेते हैं। उल्लेखनीय है कि डेढ़ दशक पहले रानीताल से अधारताल तक सैकड़ों अतिक्रमण तोड़े गए और बड़ी राशि खर्च करके सड़क को 80 फीट की चौड़ाई में तैयार किया गया। इस दौरान दमोहनाका से गोहलपुर की ओर पडऩे वाले मोतीनाला पुल को भी चौड़ा करने का प्रस्ताव था। सड़क बनाते समय यह कहकर काम नहीं किया गया कि सड़क बनने के बाद इसे चौड़ा कर दिया जाएगा लेकिन फिर यह काम पेंडिंग ही रहा। बीच में नगर निगम ने एक बार योजना तैयार कराई, लेकिन वह भी कागजों तक सीमित रह गई।
महापौर से लेकर विधायक तक से लगाई गुहार
बताया जाता है कि इस पुलिया के चौड़ीकरण के लिए पूर्व महापौरों और क्षेत्रीय विधायकों से भी कई बार स्थानीय लोगों ने अपील की थी और उन्होंने आश्वासन भी दिया था कि वे पुलिया का चौड़ीकरण कराएँगी लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। वहीं वर्तमान विधायक विनय सक्सेना ने भी पुल चौड़ीकरण का आश्वासन दिया है, देखना है कि अब आगे क्या होता है।
पेयजल लाइनें भी असुरक्षित
पुलिया से सटकर ही पेयजल की लाइनें भी निकाली गई हैं और वे भी असुरक्षित हैं, भारी वाहनों के कारण यहाँ अक्सर ही दुर्घटना की आशंका बनी रहती है जिससे लाइनों के टूटने का खतरा होता है। बेहतर होगा कि निगम पुलिया को चौड़ा करे और साथ ही पेयजल लाइनों को भी शिफ्ट कर दे ताकि वे भी सुरक्षित हो जाएँ।
Created On :   9 July 2021 2:52 PM IST