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गूगल गुरू बताएंगे पब्लिक टॉयलेट का रास्ता, 14 शौचालय सर्वर में दर्ज
डिजिटल डेस्क सिंगरौली (वैढऩ)। स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 का काउंट डाउन शुरू हो गया है और नगर निगम अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा है। इस बीच नगर निगम के स्वच्छता विभाग ने एक बड़ा काम यह किया है कि अपने सभी 14 सार्वजनिक शौचालयों को गूगल में दर्ज करा दिया है। इससे फायदा यह होगा कि जरूर पर बाहरी और अनजान व्यक्ति भी गूगल पर नगर निगम क्षेत्र में अपने समीपी शौचालय की स्थिति जान लेगा। इतना ही नहीं गूगल गुरू उसे शौचालय तक का रास्ता भी दिखायेंगे। इसके लिये नगर निगम ने गूगल से लाइसेंस लिया है। चूंकि यह योजना देश भर के सभी नगर निगमों और निकायों में लागू की जा रही है इसलिये कहीं भी अनजान जगह पर जाने पर किसी से शौचालय पूछने की आवश्यकता नहीं होगी। जिस तरह से एक शहर से दूसरे शहर का रास्ता गूगल बताता है, दूरी और कितना समय लगेगा, यह भी बताता है, ठीक उसी तरह से शौचालयों के बारे में बतायेगा। यह सब तैयारियां भारत को स्वच्छ बनाने और लोगों को सुविधाएं उपलब्ध कराने के उददेश्य से की जा रही हैं। इस बार के स्वच्छता अभियान के लिये प्रदेश सरकार के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने अलग से अपना सर्वे करा रहा, ताकि तैयारियों में कोई कमी न रह जाये। इसके लिये सोमवार को भोपाल और रीवा से सर्वेक्षक सिंगरौली आ रहे हैं, जो सभी तैयारियों को परखेंगे और कमी मिलने पर उन्हें दूर कराने के प्रयास करेंगे।
खाद और पॉलीथिन के आयीं मशीनें
नगर निगम ने कचरे से खाद बनाने और पॉलीथिन को एकत्र कर उसकी ब्रिक बनाने के लिये कई मशीनें मंगायी हैं। 8 मशीनें कचरे से खाद बनाने वाली मंगायी गयी हैं, ये मशीनें तो हैं छोटी ही, लेकिन एक पार्क में एक मशीन लगाने की तैयारी है। जिससे निकलने वाले कचरे से खाद तैयार कर पार्क में ही उसका उपयोग किया जायेगा। इन मशीनों की कीमत 80 हजार रूपये प्रति मशीन है। पॉलीथिन को सीमेंट इंडस्ट्री के लायक बनाने के लिये एक मशीन 11 लाख रूपये की मंगायी गयी है। जबकि सडक़ के निर्माण लायक पॉलिथिन बनाने के लिये एक मशीन मंगायी गयी है। इन मशीनों को एक-दो दिन में स्थापित कर काम शुरू करा दिया जायेगा।
रेलवे स्टेशन के शौचालय भी सुधारें
केन्द्र और राज्य शासन से इस प्रकार के निर्देश प्राप्त हुए हैं कि स्थानीय निकाय अपने क्षेत्र में आने वाले रेलवे स्टेशनों, बस स्टैंडों के शौचालयों का बेहतर रखरखाव करें। चूंकि बस स्टैंड के शौचालय का रखरखाव तो नगर निगम के ही जिम्मे है इसलिये उसके रखरखाव की कोई समस्या नहीं है। लेकिन रेलवे स्टेशन के शौचालय का रखरखाव समस्या बन रहा है। निगम अधिकारियों का कहना है कि रेलवे का कहना है कि चोर उनके शौचालय के दरवाजे ही निकाल ले जाते हैं। जीआरपी भी उनकी सुरक्षा नहीं कर पाती, ऐसे में हम शौचालय का रखरखाव कैसे रख पायेंगे। जबकि निगम को इस शौचालय का रखरखाव बेहतर बनाना ही है।
Created On :   11 Dec 2017 4:48 PM IST