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कलेक्ट्रेट पहुंचे किसान, बोले-बिजली नहीं मिलने से सूख रही फसल
डिजिटल डेस्क उमरिया । सावन का महीना बीत रहा है। अभी तक धान की रोपाई पूर्ण नहीं हो पा रही। नर्सरी में पौधे सूख रहे हैं। बिजली के इंतजार में रात-रातभर खेत में जागते हैं। आज कल का बहाना बताकर एमपीईबी ने 15-20 दिन बिता दिए। पहले ही इस महामारी ने घर की जमा पंूजी खत्म कर दी है। ऊपर से अफसरों की सुस्ती धान की फसल में पानी फेरने का काम कर रही है। कुछ इसी तरह की पीड़ा पथरहठा, कोयलरी व सेमड़ारी पंचायत के दर्जनों गांव के किसानों ने शुक्रवार को कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव को बताई। कलेक्टर ने एमपीईबी अफसरों से चर्चा कर शीघ्र निदान के लिए निर्देश दिए हैं।
एक माह से दिक्कत, दो से तीन घंटे ही मिलती है बिजली
किसानों द्वारा दिए गए ज्ञापन में विभिन्न गांव के किसान जिला मुख्यालय पहुंचे थे। ये लोग पथरहठा, करणपुरा, रामपुर, कोयलारी, तेंदुआ, हरदुआ, खैरभार, बरहटा, जोगिया, सेमड़ारी, करहिया, देवरा गांव के थे। किसानों का कहना है इन गांव में पथरहठा फीडर से सप्लाई होती है। आज एक माह का समय बीत रहा है, कृषि कार्य के लिए शासन के मापदंड अनुसार उन्हें बिजली सप्लाई नहीं मिल पा रही है। यही हाल घरेलू का भी है। चौबीस घंटे में सिर्फ 2-3 घंटे बिजली प्रदाय की स्थिति है। खेत में सामान्यत: सावन माह में नर्सरी से तैयार पौधों की रोपाई 15-20 दिन में प्रारंभ हो जाती है। पौधे विकसित हैं।
क्षेत्र में लो-वोल्टेज की भी बनी रहती है समस्या
उन्होंने बताया कि बिन बिजली ट्यूबवेल से पानी सप्लाई नहीं मिल पा रही। कभी कभार बिजली आपूर्ति होती भी है तो कम वोल्टेज रहता है। मोटर पंप का भार भी नहीं उठा पाते। गांव के विश्राम, रणजीत सिंह अशोक कुशवाहा, रामजी, रामचंदर सिंह, अनिल सिह, मुरलीधर, भरत लाल, पंकज कुमार पटेल, ऋषिकेष विश्वकर्मा, रतन कुशवाहा, कंछेदी, कैलाश, प्रदीप सहित तकरीबन आधा सैकड़ा किसानों ने अपने दस्तखत कर कलेक्टर से व्यवस्था में सुधार की मांग की है। इस कार्य में देरी होने पर किसानों ने आंदोलन की अनुमति भी मांगी है।
Created On :   25 July 2020 6:04 PM IST