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कर्ज से परेशान किसान ने फांसी लगाकर दी जान, ग्रामीणों ने किया विरोध
डिजिटल डेस्क, बालाघाट। प्रदेश में किसानों का कर्ज और फसल बर्बादी से परेशान होकर आत्महत्या करने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है। जिले में 2-3 दिसंबर की रात कर्ज और बिजली नहीं मिलने से परेशान किसान 50 वर्षीय शांतिलाल पिता बिसनलाल सौलखे ने आम के पेड़ पर फांसी लगाकर जान दे दी। जिसका पता रात में चलने के बाद आज परिजनों और ग्रामीणों ने शव को नैतरा चौक नवेगांव-लिंगा मार्ग पर रखकर प्रदर्शन किया। कर्ज और बिजली से परेशान किसान द्वारा आत्महत्या किए जाने की जानकारी के बाद क्षेत्रीय विधायक मधु भगत, युवा नेता राजेश लिल्हारे, कांग्रेस प्रदेश प्रतिनिधि अनूपसिंह बैस, शहर कांग्रेस अध्यक्ष श्याम पंजवानी, आतिश लिल्हारे सहित अन्य जनप्रतिनिधि ग्राम नैतरा पहुंचे और यहां वे परिजनों के साथ धरने और चक्काजाम आंदोलन में बैठ गए। इस दौरान मार्ग पर आग जलाकर प्रदर्शनकारियों ने सरकार और प्रशासन के खिलाफ जमकर विरोध किया।
किसान द्वारा आत्महत्या किए जाने के बाद किए जा रहे प्रदर्शन को देखते हुए एसडीएम बोपचे घटनास्थल पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से बात की। किन्तु प्रदर्शनकारी तत्काल मुआवजे और कर्जमाफी पर अड़े रहने के साथ ही किसान की मौत से बेसहारा हुए परिवार की मदद की मांग करते रहे। अधिकारियों से बात के बाद एसडीएम ने आश्वासन दिया। जिसके बाद आंदोलन को खत्म किया और मृतक शांतिलाल के शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया।
पौने दो लाख का सोसायटी कर्ज और बिजली नहीं मिलने से परेशान था किसान शांतिलाल
शांतिलाल पर पिता और स्वयं का सोसायटी से खाद, बीज एवं अन्य कृषि यंत्र के लिए लिया गया लगभग पौने दो लाख रूपए का कर्ज था। बीते खरीफ सीजन में उसने खेत में धान लगाई थी। जिसमें दो एकड़ में उसे 10 से 12 कट्टी ही धान हुई थी। वर्तमान में किसान शांतिलाल ने अपने खेत में चने की फसल लगाई थी। जिसकी सिंचाई के लिए वह रात लगभग 10 बजे घर गया था किन्तु रात में बिजली नहीं मिलने से वह खेत में सिंचाई नहीं कर सका।
एक करोड़ मुआवजा और कर्जमाफी की मांग
कर्ज और बिजली नहीं मिलने से परेशान किसान शांतिलाल द्वारा फांसी लगाकर जान दिए जाने के बाद शव को सड़क पर रखकर ग्रामीणों के प्रदर्शन में पहुंचे क्षेत्रीय विधायक मधु भगत ने सरकार और प्रशासन के समक्ष मृतक किसान परिवार को एक करोड़ रूपए का मुआवजा, उसका संपूर्ण कर्जा माफ, बेसहारा पत्नी को पेंशन, बेटे को नौकरी, किसानों को पर्याप्त समय बिजली और बच्चों की पढ़ाई खर्च माफ की मांग की। साथ ही मृतक परिवार को अपनी ओर से पांच हजार रूपए आर्थिक सहायता देने की घोषणा की।
Created On :   3 Dec 2017 9:36 PM IST