शासन कह रहा कोरोना काल के 14 माह में कुल 571 मौतें, जबकि ननि ने केवल 3 माह में बनाए कोरोना से मौत के 517 मृत्यु प्रमाण पत्र

The government is saying 571 deaths, while the nanny made 517 certificates of death from corona in just 3 months
शासन कह रहा कोरोना काल के 14 माह में कुल 571 मौतें, जबकि ननि ने केवल 3 माह में बनाए कोरोना से मौत के 517 मृत्यु प्रमाण पत्र
शासन कह रहा कोरोना काल के 14 माह में कुल 571 मौतें, जबकि ननि ने केवल 3 माह में बनाए कोरोना से मौत के 517 मृत्यु प्रमाण पत्र

रियलिटी - मार्च में 9, अप्रैल में 293 और मई में अब तक 215 मृत्यु प्रमाण पत्र बने, श्मशान घाट की पर्ची में है मृत्यु के कारण का उल्लेख 
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
शासन के आँकड़ों पर भरोसा करें तो मार्च 2020 से मई 2021 तक कोरोना से कुल मौतों का आँकड़ा 571 है। लगभग सवा साल में इतनी मौतें बहुत नहीं कही जा सकतीं, क्योंकि इससे कहीं अधिक तो अन्य बीमारियों या दुर्घटना से लोग मारे जाते हैं लेकिन जब नगर निगम के आँकड़ों की बात करें तो ये आँकड़े डराने वाले हैं। निगम में दर्ज संख्या के अनुसार केवल तीन माह में ही कोरोना से मरने वालों की संख्या 517 पहुँच गई है। इतने मृत्यु प्रमाण पत्र इसी साल मार्च से मई तक जारी हुए हैं। वैसे तो नगर निगम द्वारा जारी किए जाने वाले मृत्यु प्रमाण पत्र में मृत्यु के के कारण का उल्लेख नहीं होता, लेकिन हकीकत का राज उस जानकारी से खुला जो पिछले कुछ माह से श्मशान की पर्ची के आधार पर एक साधारण जानकारी निगम द्वारा एकत्र की जा रही थी। 
नगर निगम से मिली जानकारी के अनुसार मार्च माह में कुल 773 मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए गए जिनमें से 9 मृतक ऐसे थे जिनकी मृत्यु कोरोना से हुई थी। इसी प्रकार अप्रैल माह में कुल 1109 प्रमाण पत्र बने जिनमें से 293 लोगों की मृत्यु कोरोना से हुई। 24 मई तक कुल 1423 प्रमाण पत्र बने जिनमें 215 लोगों की मृत्यु कोरोना के कारण होने के प्रमाण हैं। इस प्रकार 3 माह में ही कुल 3305 लोगों की मृत्यु हुई और उनके प्रमाण पत्र बने जिनमें से 517 कोरोना से मारे गए। जिला प्रशासन द्वारा रोजाना ही कोरोना के आँकड़े जारी किए जाते हैं जिनमें अब तक केवल 564 लोगों को ही कोरोना के कारण मारा गया बताया गया है। 
कुछ तो ऐसे हो गए सामान्य
बहुत सी मौतें तो सामान्य का कफन ओढ़े हुए हैं, जबकि उनकी मृत्यु भी कोरोना के कारण हुई है लेेकिन वे सस्पेक्टेड हैं। बताया जाता है कि कई अस्पतालों से कोरोना सस्पेक्टेड बॉडी की जानकारी लेकर मरीज का अंतिम संस्कार कर दिया गया और रिपोर्ट की कोई जानकारी ही नहीं। मृतक के परिजन भी परेशान होकर चले गए। अब इनके सम्बंध में शासन क्या करेगा यह किसी को नहीं पता। 
प्रमाणपत्र बनवाने लग रही भीड़
पहले मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने में बहुत कम लोग ही रुचि लेते थे लेकिन जब से प्रदेश शासन ने यह घोषणा की है कि कोरोना से मारे गए सभी लोगों के परिजनों को  1-1 लाख रुपए की सहायता राशि मिलेगी तब से प्रमाण पत्र बनवाने लाइन लग रही है। लोग चाहते हैं मृत्यु कारण भी प्रमाण पत्र में दर्ज हो लेकिन ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। 

Created On :   26 May 2021 3:57 PM IST

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