चित्रकूट के आहत संत समाज को साधने की सरकारी साधना एक बार फिर शुरु!

The government sadhna started once again to help the saint society hurt by Chitrakoot!
चित्रकूट के आहत संत समाज को साधने की सरकारी साधना एक बार फिर शुरु!
चित्रकूट के आहत संत समाज को साधने की सरकारी साधना एक बार फिर शुरु!

आरएसएस प्रमुख के आगमन से पूर्व ,आध्यात्म मंत्री 3 दिवसीय प्रवास पर चित्रकूट की चिंता पर पहले दिन 2 घंटे चला मंथन
डिजिटल डेस्क सतना।
पवित्र तीर्थ स्थल चित्रकूट की उपेक्षा से नाराज संत समाज को साधने की सरकारी साधना अंतत: कितनी फलीभूत होती है, यह तो वक्त ही बताएगा?  लेकिन रामपथ वन गमन के बहुमुख विकास का शोर एक बार फिर से हवा में है। जानकारों के मुताबिक यह महज इत्तेफाक नहीं कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघ चालक मोहन भागवत के आगमन से ठीक पहले 3 दिवसीय प्रवास पर चित्रकूट पहुंचीं राज्य शासन की आध्यात्म, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ऊषा ठाकुर ने शनिवार को 15 वर्षों से कागजों पर विकसित हो रहे रामपथ वन गमन मार्ग के प्रोजेक्ट के पन्ने नए सिरे से पलटे। चित्रकूट की चिंता पर पहले दिन तकरीबन 2 घंटे मंथन चला। यह पहला मौका नहीं है,जब मध्यप्रदेश के हिस्से में प्रस्तावित रामपथ वन गमन मार्ग के बहुमुखी विकास पर बड़ी-बड़ी बातें नहीं हुई हों। वर्षों से चित्रकूट की चौतरफा उपेक्षा से आहत संत समाज का आक्रोश भी जब-तब उबाल लेता रहा है। जानकारों की नजर अब फौरी प्रबंधन के दूरगामी नतीजों पर है।
ड्रीम प्रोजेक्ट : एक करोड़ के डीपीआर का दावा 
रामपथ वन गमन मार्ग की समीक्षा बैठक में आध्यात्म, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ऊषा ठाकुर ने बताया कि प्रोजेक्ट के तीन चरण होंगे। उन्होंने कहा कि अध्यात्म विभाग ने एमपीआरडीसी (मध्यप्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन) को जिम्मेदारी सौंपी है। निर्माण एजेंसी एमपीआरडीसी को पहले दौर की फिजीबिलिटी रिपोर्ट और
डीपीआर बनाने के लिए 1 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है। इसी बीच जानकारों ने कहा कि वित्तीय स्वीकृति कब मिलेगी,अभी यह स्पष्ट नहीं है। अलबत्ता- 50 लाख की पहली किश्त में 50 लाख रुपए आवंटित किए गए हैं। टेंडर भी न्यौते जा चुके हैं। प्रस्तावित मार्ग चित्रकूट से सतना , पन्ना अमानगंज, कटनी, जबलपुर, मण्डला, डिंडोरी और शहडोल होते हुए अमरकंटक में पूर्ण होगा।  
हर पखवाड़े कलेक्टर करें प्रगति की समीक्षा 
आध्यात्म मंत्री ऊषा ठाकुर ने कहा कि यह राज्य शासन का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसे समय सीमा पर पूरा किया जाए। उन्होंने मानस मर्मज्ञ, साधु-संतों, जनप्रतिनिधियों से राय लेकर कंप्लीट और कंपोजिट प्लान बनाए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कलेक्टर हर 15 दिन में इस प्रोजेक्ट की प्रगति की समीक्षा करेंगे।    प्रोजेक्ट डीपीआर बनाते समय 9 विभागों की समन्वय समिति बनाई जाएगी। सांसद गणेश सिंह ने बताया कि  84 कोसी परिक्रमा पथ में जनसुविधाओं और रख रखाव के लिए  69 करोड का प्रोजेक्ट तैयार किया गया था। पर्यटन विभाग ने रामायणम और नगर परिषद ने मिनी स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट भी बनाया था। इनके शेष काम भी इसी डीपीआर में शामिल किए जाने चाहिए।
 मंदाकिनी घाट पर होगी गंगा आरती 
पर्यटन और संस्कृति मंत्री ने उत्तर प्रदेश के हिस्से में स्थित मंदाकिनी के रामघाट की तर्ज पर एमपी के घाट पर एक हफ्ते के अंदर रेलिंग लगाते हुए नियमित रुप से गंगा शयन आरती की व्यवस्था सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए। समीक्षा बैठक में
जनप्रतिनिधियों ने  चित्रकूट के दीपावली और मैहर के नवरात्र मेले को आध्यात्म कलेंडर में शामिल किए जाने की मांग की। यह सुझाव भी आया कि छोटी दीपावली में होने वाले पयर्टन विभाग के रामायणम कार्यक्रम को भी फिर से शुरु किया जाए।
आध्यात्म,पयर्टन एवं संस्कृति मंत्री ने भोपाल हाट की तर्ज पर चित्रकूट हाट के लिए
प्रस्तावित शासकीय भूमि (नवीन थाना भवन के पीछे) का परीक्षण प्रस्ताव भेजने के भी निर्देश दिए। बैठक में राज्यमंत्री  रामखेलावन पटेल, सांसद गणेश सिंह, नागौद विधायक नागेंद्र सिंह, चित्रकूट विधायक नीलांशु चतुर्वेदी, डीआरआई के संगठन सचिव अभय महाजन, जिलाध्यक्ष नरेन्द्र त्रिपाठी, कलेक्टर अजय कटेसरिया, एसपी धर्मवीर सिंह और डीएफओ राजेश राय भी मौजूद थे।
 हाट तो दूर घाट ही बनवा दें 
बैठक में मौजूद चित्रकूट के विधायक नीलांशु चतुर्वेदी ने कहा कि भोपाल हाट की तर्ज पर चित्रकूट में हाट तो दूर, मध्यप्रदेश के हिस्से के मदांकिनी के कच्चे तट पर घाट ही  निर्मित करा दें। उन्होंने कहा कि श्रीराम ने वनवास के साढ़े 11 साल चित्रकूट में बिताए,मगर 15 वर्ष बाद भी सरकार रामपथ वन गमन मार्ग को विकसित नहीं कर पाई। उन्होंने कहा कि  घोर उपेक्षा से चित्रकूट का संत समाज आहत है।  

Created On :   5 July 2021 2:12 PM IST

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