सरकार ने कहा- रेड व ऑरेंज जोनों को ग्रीन में तब्दील करने पूरी मशीनरी लगाई

The government said - put complete machinery to convert red and orange zones into green
सरकार ने कहा- रेड व ऑरेंज जोनों को ग्रीन में तब्दील करने पूरी मशीनरी लगाई
सरकार ने कहा- रेड व ऑरेंज जोनों को ग्रीन में तब्दील करने पूरी मशीनरी लगाई

 कोरोना संक्रमण से संबंधित मामलों पर सरकार ने पेश किया जवाब, हाईकोर्ट में अब 27 मई को होगी सुनवाई
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
हाईकोर्ट में राज्य सरकार ने मंगलवार को ताजी स्टेटस रिपोर्ट पेश करते हुए कहा है कि प्रदेश के रेड और ऑरेंज जोनों को ग्रीन जोनों में तब्दील करने पूरी मशीनरी लगा दी गई है। साथ ही कोविड-19 और लॉकडाउन को लेकर जारी नियमों का कड़ाई से पालन कराया जा रहा है। चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने सरकार की रिपोर्ट को रिकार्ड पर लेते हुए याचिकाकर्ताओं को उसका परीक्षण करने का समय दिया है। अब कोरोना से संबंधित मामलों पर अगली सुनवाई 27 मई को होगी। ये मामले ग्वालियर के अधिवक्ता सुनील कुमार जैन, जबलपुर के अधिवक्ता अमित कुमार साहू व अन्य की ओर से दायर की गई है।
मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से पेश रिपोर्ट का हवाला देकर महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव व शासकीय अधिवक्ता ए राजेश्वर राव ने युगलपीठ को बताया कि सिर्फ जरूरतमंदों को ही एक से दूसरे जिले में और प्रदेश से बाहर जाने की इजाजत दी जा रही है। यात्रियों की जांच के लिए चैक पोस्ट भी बनाए गए हैं। उदाहरण के तौर पर रिपोर्ट में जबलपुर जिले में बनाई गई 14 चैक पोस्टों का जिक्र भी किया गया है। 
सरकार और नगर निगम की ओर से कोर्ट को बताया गया कि जिन इलाकों में संक्रमण पाया जाता है, वहां के पूरे क्षेत्र को सैनिटाइज कराया जा रहा। यह प्रक्रिया लगातार जारी रहेगी।
सुरक्षा कर्मियों की ढिलाई से भागा था जावेद: वहीं जबलपुर मेडिकल कॉलेज से इन्दौर के कोरोना पॉजीटिव जावेद के पुलिस हिरासत से भागने पर भी सरकार ने जवाब पेश किया है। सरकार का कहना है कि जांच में यह बात सामने आई है कि वह सुरक्षा कर्मियों की ढिलाई की वजह से भागा था। चूंकि उसकी रिपोर्ट नैगेटिव आई थी, इसलिए उसे भोपाल जेल में शिफ्ट कर दिया गया है।
याचिकाकर्ता बताएं कोरोना को मिटाने वो कैसे कर सकते हैं डॉक्टरों की सहायता
वहीं इन्दौर के एक अधिवक्ता नितिन कश्यप ने कोरोना से निपटने सरकार को आवश्यक निर्देश दिए जाने की प्रार्थना हाईकोर्ट से की है। उनकी जनहित याचिका पर सीजे की बैंच ने कहा- च्याचिकाकर्ता हलफनामा देकर बताएं कि इन्दौर के अस्पतालों में वे किस तरह की मदद डॉक्टरों को दे सकते हैं? साथ ही वे अपने सहयोगियों की भी एक सूची पेश करके अपनी सदभावना कोर्ट को बताएं।ज् इस निर्देश के साथ युगलपीठ ने अगली सुनवाई 27 मई को निर्धारित की है।
सरकार की सराहना कर कोर्ट ने निराकृत की पीआईएल:
 इसी तरह कोरोना मरीजों का इलाज मुफ्त में कराए जाने, नागरिकों को आवाजाही पर रोक लगाने जैसे मुद्दों को लेकर इन्दौर के व्यवसायी मुकेश धनराज बाधवानी की जनहित याचिका का हाईकोर्ट ने निराकरण कर दिया है। कोरोना से निपटने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को पर्याप्त व सराहनीय बताते हुए सीजे की अध्यक्षता वाली बैंच ने इस याचिका पर आगे सुनवाई से इंकार कर दिया।

Created On :   6 May 2020 2:24 PM IST

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