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रेमडेसिविर के निर्माता से लेकर मरीज तक पूरी सप्लाई चेन पर हो सरकार का नियंत्रण
हाईकोर्ट में कोर्ट मित्र ने दिया सुझाव, राज्य सरकार ने भी पेश किया एक्शन प्लान
डिजिटल डेस्क जबलपुर । मप्र हाईकोर्ट में शुक्रवार को कोर्ट मित्र ने सुझाव पेश किया कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी रोकने के लिए निर्माता से लेकर मरीज तक पूरी सप्लाई चेन पर सरकार का नियंत्रण होना चाहिए। उन्होंने बंद किए जा चुके कोविड सेंटरों को फिर से शुरू करने का सुझाव दिया। वहीं राज्य सरकार की ओर से एक्शन प्लान पेश कर बताया कि सरकार कोरोना की दूसरी लहर के लिए पूरी तरह तैयार है। इसके लिए ऑक्सीजन, रेमडेसिविर इंजेक्शन और अन्य इंतजाम किए जा रहे हैं। चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली डिवीजन बैंच इस मामले में 19 अप्रैल को आदेश पारित करेगी। उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट में गुरुवार को कोरोना के इलाज को लेकर 3:30 घंटे सुनवाई चली थी। डिवीजन बैंच ने कोर्ट मित्र से सुझाव और राज्य सरकार को एक्शन प्लान पेश करने का निर्देश दिया था। कोर्ट मित्र वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ की ओर से कहा गया है कि निजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज के रेट फिक्स करने, रेट लिस्ट का समाचार पत्रों में प्रकाशन के बारे में आदेश दिया जा चुका है। हाईकोर्ट के आदेश का पालन सुनिश्चित किया जाए। इसके साथ ऑक्सीजन की सप्लाई सुनिश्चित करने की भी माँग की गई है।
सरकार ने कहा 830 अप्रैल तक होगी 651 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की डिमांड - राज्य सरकार की ओर से पेश किए गए एक्शन प्लान में कहा गया कि प्रदेश में 30 अप्रैल तक ऑक्सीजन की डिमांड 651 मीट्रिक टन होगी। केन्द्र सरकार ने 747 मीट्रिक टन ऑक्सीजन देने का आश्वासन दिया है। प्रदेश में 14 अप्रैल तक ऑक्सीजन की औसत सप्लाई 285 मीट्रिक टन थी, जबकि खपत 281 मीट्रिक टन थी। वर्तमान में प्रदेश में 5 पीएसए ऑक्सीजन जनरेटर प्लांट लगा दिए गए हैं, एक सप्ताह के भीतर 3 प्लांट और लगा दिए जाएँगे। 31 मार्च तक इंटर्नशिप करने वाले 472 डॉक्टरों को स्वास्थ्य केन्द्रों में तैनात कर दिया गया है। निजी अस्पतालों में नि:शुल्क इलाज के लिए 3225 बेड आरक्षित किए गए हैं।
Created On :   17 April 2021 2:26 PM IST