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गरीबों का अनाज राइस मिल में हो रहा था सप्लाई - पुलिस ने जब्त किया ट्रक
डिजिटल डेस्क सिवनी । गरीबों के हक का अनाज छीना जा रहा है। इसका ताजा उदाहरण उस समय देखने को मिला जब एक निजी राइस मिल में सरकारी राशन दुकान का अनाज उतारा जा रहा था। मौके पर पहुंची पुलिस ने ट्रक को जब्त कर लिया। वहीं मामले फूड विभाग ने जांच की तो राशन की कालाबाजारी उजागर हुई। फिलहाल इसमें ट्रांसपोर्टर, राइस मिल और सोसयटी संचालक की तिकड़ी सामने आई है। प्रारंभिक रूप से ट्रांसपोर्टर की जिम्मेदारी तय की गई है। जब्त ट्रक में 30 बोरी गेहूं और 24 बोरी चावल भरा मिला।
ये है मामला
जानकारी के अनुसार कुरई के पाटन राइस मिल में सरकारी राशन दुकान का अनाज उतारने की जानकारी कुरई पुलिस को मिली थी। पुलिस अनाज से भरे बोरे उतारते हुए मौके पर पहुंची। गड़बड़ी की आशंका पर जांच के लिए पुलिस ने ट्रक को जब्त कर लिया और मामले की जानकारी फुड विभाग को दी। दूसरे दिन पहुंची पुलिस ने प्राथमिक जांच में पाया कि अनाज की कालाबाजारी हो रही थी जिसमें राइस मिल को फायदा पहुंचाने के लिए उसे चावल दिया जा रहा था।
छह दुकानों में जाना था अनाज
सिवनी के धरम वेयर हाऊस से पीडीएस(सार्वजनिक वितरण प्रणाली) के तहत कुरई के पीपरवानी सोसायटी की छह राशन दुकानों में अनाज पहुंचाना था। इसके लिए ट्रक क्रमांक एमपी 22 एच 1534 में अनाज लोड कर पीपरवानी सेक्टर की पांच दुकानों में अनाज पहुंचा दिया गया। शेष को एक राशन में दुकान में उतारा ही गया था कि दुकान संचालक ने यह कह दिया बाकी का चावल पाटन की जैन राइस मिल में उतार दो जहां पर गोदाम है। जब चावल हम्माल उतार रहे ही थे कि तभी मौके पर कुरई पहुंच गई। मौके पर 25 बोरी चावल की मिली।
मिलीभगत से हो रहा था काम
इस मामले में पूरा खेल मिलीभगत से हो रहा था। पीडीएस के लिए अनाज पहुंचाने की जवाबदारी ट्रांसपोर्टर की रहती है।वितरण का काम राशन दुकान से होता है। इसमें प्रारंभिक जांच में पता लगा कि ट्रांसपोर्टर की जवाबदारी थी कि वह पूरा अनाज रिलीज आर्डर के अनुसार संबंधित दुकानों में उतरवाए लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बगैर किसी की इजाजत के यह काम नहीं हो सकता। राइस मिल के संचालक की साठगांठ से ही भी यह काम हुआ जहां उसके यहां सरकारी अनाज पहुंच गया। वहीं राशन दुकानदार ने भी राशन बेचने में मदद की अन्यथा तय मात्रा में अनाज राशन दुकान में पूरा उतरता।
ऐसा होता है पूरा खेल
राइस मिल संचालक सरकारी चावल को उस चावल में मिलाते हैं जिसमें वे सरकारी धान की मिलिंग करते हैं। यह खेल लंबे समय से होता है। सरकारी चावल को व्यवस्थित कर उसे बाजार में भी बेच दिया जाता है। दूसरा बड़ा खेल यह होता है जिसमें राइस मिल सरकारी धान को ही बेच देते हैं और बदले में सरकारी चावल को ही वापस गोदाम यह कहते हुए जमा कर देते हैं कि उन्होंने धान की मिलिंग की है। फिलहाल इस घटना में यह तो और साफ हो गया कि सरकारी अनाज की कालाबाजारी जमकर हो रही है। मौके पर पहुंचे खाद्य अधिकारी शबनेम शेख, हेमंत मेश्राम और प्रतीक तिवारी ने पूरी जांच कर प्रतिवेदन तैयार किया।
इनका कहना है
हमें सूचना मिली थी कि सरकारी राशन दुकान का अनाज जैन राइस मिल में उतारा जा रहा है। ट्रक को जब्त कर लिया गया। मामले की जांच फुड विभाग करेगा। उनके प्रतिवेदन पर एफआईआर दर्ज होगी।
गनपतसिंह उईके, थाना प्रभारी, कुरई
मामले की जांच कर रहे हैं। प्राथमिक जांच में पाया गया कि ट्रांसपोर्टर की गड़बड़ी थी। समिति प्रभारी और राइस मिल संचालक भी इसमें शामिल हो सकते हैं।
हेमंत मेश्राम, सहायक खाद्य अधिकारी
Created On :   5 Nov 2019 2:11 PM IST