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सुरक्षा के लिए मिली बंदूकों का इस्तेमाल दबंगई के लिए नहीं हो सकता
आपराधिक प्रकरणों की संख्या के आधार पर पन्ना कलेक्टर द्वारा लाईसेंस निरस्त किए जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर हाईकोर्ट का फैसला
डिजिटल डेस्क जबलपुर । हाईकोर्ट ने एक फैसले में कहा है कि सुरक्षा के लिए मिलीं बन्दूकों का इस्तेमाल अपने रसूख और दबंगई को दिखाने के लिए नहीं किया जा सकता। आपराधिक प्रकरणों की संख्या के आधार पर पन्ना कलेक्टर द्वारा एक व्यक्ति के दो बंदूकों के लाईसेन्स निरस्त किए जाने के खिलाफ दायर याचिका खारिज करते हुए जस्टिस विशाल धगट की एकलपीठ ने अपने फैसले में कहा- च्जिला कलेक्टर के आदेश से स्पष्ट है कि याचिकाकर्ता कई आपराधिक मामलों में शामिल रहा है। उसके खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई भी पुलिस ने की थी। एक रिपोर्ट यह भी थी कि वह अपने गांव की कट्टरपंथी राजनीति में शामिल था और अपने प्रभाव को दिखाने के लिए अपनी लाईसेन्सी बंदूकों के जरिए लोगों में खौफ पैदा करता था। ऐसे में प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई पर हस्तक्षेप किया जाना अनुचित है।ज्
अदालत ने यह फैसला पन्ना जिले के अमानगंज थानांतर्गत ग्राम माहौद कला में रहने वाले प्रीतम सिंह उर्फ पप्पू राजपूत की ओर से वर्ष 2013 में दायर याचिका पर दिया। आवेदक का कहना था कि 315 बोर की बंदूक का लाईसेन्स उसे 6 जुलाई 2006 और 12 बोर की बंदूक का लाईसेन्स 14 जुलाई 2007 को मिला था। आपसी दुश्मनी के चलते गिरिजा बाई और मस्तराम द्वारा आरोपित तौर पर की गई झूठी शिकायतों के चलते 19 फरवरी 2013 को उसके बंदूक के लाईसेन्स निरस्त किए जाने पर यह याचिका दायर की गई थी।
Created On :   13 May 2020 2:45 PM IST