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नवजात का दिल दायीं ओर पेट के सभी अंग थे छाती में
मेडिकल कॉलेज में 2-डी एंडोस्कॉपी के जरिए छोटे चीरे से हुई जटिल सर्जरी, सभी अंगों को किया व्यवस्थित, बच्चे की हालात में सुधार
डिजिटल डेस्क जबलपुर। आमतौर पर मानव शरीर में हृदय बायीं ओर होता है, लेकिन कुछ ऐसे विरले मामले भी सामने आए हैं, जिनमें दिल बायीं नहीं, दायीं ओर धड़क रहा हो। ऐसा ही एक मामला नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में सामने आया, जहाँ सतना से रेफर होकर गंभीर स्थिति में आए 4 दिन के नवजात बच्चे को भर्ती किया गया। डॉक्टरों के अनुसार नवजात बच्चा कंजेनिटल डायफ्रेगमेटिक हर्निया की समस्या से पीडि़त था। जिसके चलते उसके पेट के सभी अंग बायीं ओर छाती में थे, वहीं बायीं ओर का फेफड़ा भी अविकसित था। वहीं दिल दायीं ओर था। बच्चे को साँस लेने में समस्या हो रही थी, ऐसे में ऑपरेशन आसान नहीं था। चिकित्सकों ने 2-डी एंडोस्कॉपी के जरिए बच्चे का ऑपरेशन बेहद छोटा (3 एमएम) चीरा लगाकर किया और अंगों को उनकी सही जगह पर व्यवस्थित कर दिया। चिकित्सकों के अनुसार बड़ा चीरा लगाने से आगे जाकर समस्या हो सकती थी। ऑपरेशन के बाद बच्चे की स्थिति में सुधार आ गया।
यह थी चुनौती
मेडिकल कॉलेज में जाँच में यह बात सामने आई कि नवजात बच्चे का दिल 80 प्रतिशत काम कर रहा है, वहीं फेफड़ा भी 40 प्रतिशत ही सक्रिय है। ऐेसे में ऑक्सीजन लेवल गिरने लगा था। डॉक्टरों के सामने सबसे बड़ी चुनौती बच्चे को बेहोश करना थी, क्योंकि एक ही फेफड़ा काम कर रहा था। सर्जरी टीम में प्रो. विकेश अग्रवाल, डॉ. अभिषेक तिवारी, डॉ. हिमांशु आचार्य, डॉ. राजेश मिश्रा, डॉ. आशीष सेठी शामिल थे।
ऐसे होती है 2-डी एंडोस्कॉपी
चिकित्सकों के अनुसार 2-डी एंडोस्कॉपी तकनीक के जरिए इन्सुफ्लेशन पद्धति से छाती में उपस्थित पेट के अंग जैसे कि आमाशय, लिवर, तिल्ली, छोटी और बड़ी आंत आदि को फिर पेट में स्थापित कर दिया जाता है। पेट और छाती के बीच का डिफेक्ट घुलनशील टांकों से रिपेयर किया जाता है। जानकारी के अनुसार मेडिकल कॉलेज में इस तरह की सर्जरी शिशु शल्य चिकित्सा विभाग में हो चुकी है। बताया जाता है कि निजी अस्पताल में इस सर्जरी पर लगभग तीन लाख रुपए तक का खर्च आता है।
Created On :   10 July 2021 2:55 PM IST