नपा अध्यक्ष को वापस बुलाने का मामला - वोटिंग से होगा फैसला, पार्षदों ने धारा 43 ए के तहत पारित किया प्रस्ताव 

The issue of recalling the NCP president - will be decided by voting, councilors passed a resolution
नपा अध्यक्ष को वापस बुलाने का मामला - वोटिंग से होगा फैसला, पार्षदों ने धारा 43 ए के तहत पारित किया प्रस्ताव 
नपा अध्यक्ष को वापस बुलाने का मामला - वोटिंग से होगा फैसला, पार्षदों ने धारा 43 ए के तहत पारित किया प्रस्ताव 

डिजिटल डेस्क शहडोल । नगर पालिका अध्यक्ष उर्मिला कटारे को पद से हटाने के लिए पार्षदों द्वारा नगर पालिका एक्ट 1961 की धारा 43 ए के तहत बुधवार को कलेक्टर के समक्ष अविश्वास पेश किया गया। कांग्रेस के करीब एक दर्जन पार्षदों ने नगर पालिका उपाध्यक्ष कुलदीप निगम की अगुवाई मेें कलेक्टर को अविश्वास प्रस्ताव संबंधी पत्र सौंपते हुए नियमानुसार कार्रवाई करने की मांग की। एक्ट के तहत अब अविश्वास प्रस्ताव पर गुप्त मतदान के माध्यम से फैसला होगा।    कलेक्टर को सौंपे गए अवश्विास प्रस्ताव में 17 पार्षदों के हस्ताक्षर हैं। इसमें कहा गया है कि नगर पालिका के निर्वाचित पार्षदों ने 18 नवंबर को बैठक कर नगर पालिका अध्यक्ष उर्मिला कटारे के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित किया है। प्रस्ताव में कहा गया है कि नगर पालिका अध्यक्ष उर्मिला कटारे अपने कर्तव्यों के प्रति उदासीन एवं अक्षम हैं तथा जनहित के कार्यों की उपेक्षा करती हैं। उनकी कार्यशैली नगर पालिका परिषद के हितों के विपरीत है। नपा अध्यक्ष ने निर्वाचित पार्षदों का विश्वास खो दिया है, इसलिए उनके विरुद्ध सर्वसम्मति से अविश्वास प्रस्ताव पारित किया गया है। नपा शहडोल में कुल निर्वाचित पार्षदों की संख्या 39 है। इनमें से कांग्रेस के 13, भाजपा के 15 और 11 निर्दलीय हैं। 
अब आगे क्या...
एक्ट के अनुसार पार्षदों ने 18 नवंबर को अविश्वास प्रस्ताव पारित करते हुए बुधवार को दोपहर करीब 2 बजे प्रस्ताव कलेक्टर को सौंप दिया है। अब गुप्त मतदान के लिए कलेक्टर द्वारा परिषद का सम्मिलन (बैठक) बुलाने का आदेश जारी किया जाएगा। मतदान के लिए प्राधिकृत अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी। सम्मिलन की तारीख, समय तथा स्थान विनिर्दिष्ट करते हुए अध्यक्ष तथा प्रत्येक पार्षद को 10 दिन पूर्व जानकारी भेजी जाएगी। इस धारा के अधीन लाया गया अविश्वास प्रस्ताव फैसला गुप्त मतदान द्वारा किया जाएगा। 
एक्ट से धारा हो चुकी है विलोपित 
इससे पहले 25 अक्टूबर को नपा के 31 पार्षदों द्वारा नगर पालिका एक्ट की धारा 47 (1)(2) के तहत अध्यक्ष को वापस बुलाने का प्रस्ताव कलेक्टर को दिया गया था। अधिनियम में संशोधन होने के बाद 9 अक्टूबर को जारी किए गए नोटिफिकेशन में इस धारा को विलोपित कर दिया गया है। इसको लेकर नपा अध्यक्ष हाईकोर्ट चली गई थीं। हाईकोर्ट ने 11 नवंबर को दिए फैसले में इसे अमान्य कर दिया था। साथ ही दूसरे पक्ष को यह स्वतंत्रता दे दी थी कि वह उचित प्रावधानों के तहत अविश्वास प्रस्ताव पेश कर सकते हैं।
उपाध्यक्ष को हटाने का नियम होगा लागू 
नगर पालिका एक्ट के 43 ए के तहत नगर पालिका उपाध्यक्ष की तरह ही अध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जा सकता है। पार्षदों की बैठक में अगर प्रस्ताव दो तिहाई बहुमत से पास हो जाता है तो परिषद का गठन करने वाले निर्वाचित पार्षदों की कुल संख्या के कम से कम एक षष्ठमांस (वन सिक्स्थ) द्वारा हस्तांतरित प्रस्ताव कलेक्टर एवं विहित प्राधिकारी को सौंपा जाता है। इसके बाद कलेक्टर इसका परीक्षण करेंगे और परिषद का सम्मिलन बुलाएंगे, जिसमें गुप्त मतदान के जरिए अविश्वास प्रस्ताव पर फैसला होगा। 
इनका कहना है
नगर पालिका के पार्षदों ने बुधवार को अविश्वास प्रस्ताव सौंपा है। इसका परीक्षण कराया जाएगा। इसके बाद नियमानुसार वोटिंग की कार्रवाई की जाएगी।  

ललित दाहिमा, कलेक्टर 
 

Created On :   21 Nov 2019 2:21 PM IST

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