मदद के पैकेट पर राजनीति का लेबल,वोट बैंक  का भी रखा जा रहा है ध्यान

The label of politics vote bank is also being kept on the packet of help
मदद के पैकेट पर राजनीति का लेबल,वोट बैंक  का भी रखा जा रहा है ध्यान
मदद के पैकेट पर राजनीति का लेबल,वोट बैंक  का भी रखा जा रहा है ध्यान

डिजिटल डेस्क,नागपुर । कोरोना संकट के बीच जरुरतमंदों को राहत सामग्री देने के लिए विविध स्तर पर प्रयास तो हो रहे हैं लेकिन राजनीति भी कम नहीं हो रही है। यह तक सुना जा रहा है कि वोट बैंक का ध्यान रखकर ही राहत पैकेट बंट रहे हैं। ज्यादातर जनप्रतिनिधि स्वयं क्वांरटाइन में रखने का कारण बताते हुए पहले ही जनसहयोग से किनारा कर चुके हैं। कुछ जनप्रतिनिधि अपने अपने निर्वाचन क्षेत्र में राहत के लिए हाथ फैला रहे हैं। इस बीच यह भी खबर आने लगी है कि मदद के पैकेट पर राजनीति का लेबल चिपका हुआ है।

पालकमंत्री चर्चा में
सबसे अधिक पालकमंत्री  डॉ.नितिन राऊत चर्चा में हैं। डॉ.राऊत के मार्गदर्शन में काम कर रहे संकल्प सामाजिक संगठन के माध्यम से रोजाना 10 हजार भोजन पैकेट बांटने का दावा किया जा रहा है। पैकेट तैयार करने के लिए ठवरे कालोनी के पास एक भवन में व्यवस्था की गई है। उसमें युवक कांग्रेस की टीम के अलावा अन्य कार्यकर्ताओं की टीम काम कर रही है। भोजन के पैकेट पर पालकमंत्री डॉ.राऊत का फोटो चिपकाया जा रहा है। पालकमंत्री के बैनर भी लगे हैं। जहां कांग्रेस के चुनाव चिन्ह के नीचे लिखा है-मदती चा हाथ। अर्थात मदद का हाथ। रोजाना 10 से 12 बस्तियों में पालकमंत्री के फोटो में पैक भोजन का वितरण सुबह शाम किया जा रहा है। इससे पहले भाजपा आरोप लगा चुकी है कि मदद के नाम पर पालकमंत्री राजनीति कर रहे हैं। प्रशासनिक व्यवस्था का दुरुपयोग कर रहे हैं। मुफ्त राशन दिलाने के मामले में भी मनमानी की गई। राशन दुकानों पर राशन वितरण की निगरानी के लिए केवल कांग्रेस के कार्यकर्ता नियुक्त् किए गए।

भाजपा पर भी आरोप
उधर भाजपा पर भी प्रचार का आरोप लग रहा है। दो दिन पहले गिट्टीखदान क्षेत्र में महानगरपालिका की अग्निशमन विभाग की गाड़ी का फोटो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ। उस गाड़ी के दोनों ओर भाजपा का बैनर लगा था। प्रभाग 12 की ओर से वह बैनर लगाया गया था। चर्चा में आने के बाद वह बैनर हटाया गया। भाजपा के कुछ नेताओं के बारे में कहा जा रहा है कि वे अपने प्रभाव क्षेत्र से बाहर नहीं निकल रहे हैं। गरीबों को राहत दिलाने के लिए व्यापारियों व उद्यमियों से मदद ली जा रही है। थोक में अनाज मंगाए जा रहे हैं। उन अनाज को बांटने के लिए कार्यकर्ताओं तय बस्तियों में ही भेजा जा रहा है। कुछ नगरसेवकों ने भी अपने अपने क्षेत्र में राहत से अधिक प्रचार पर जोर दे रखा है।

इनका कहना है
भूख नेता या पार्टी को नहीं देखती है। भूखे का मदद का प्रचार किसी भी राजनीतिक दल के लिए ठीक नहीं है। गरीबों का उपहास उड़ाया जा रहा है। राहत के नाम पर फोटो खिंचवाने का यह दौर तक चला है कि जरुरतमंद लोग भूखे रहना पसंद करते हैं पर भोजन का पैकेट नहीं लेते हैं। भोजन के पैकेट पर नेता की तस्वीर देखकर मुझे दुख हुआ है। ऐसा नहीं होना चाहिए। लोगों की मजबूरी का लाभ उठाने का यह तरीका अनैतिक है
डॉ.मिलिंद माने पूर्व विधायक उत्तर नागपुर

संकल्प स्वयंसेवी संस्था है। 33 वर्ष से दीक्षाभूमि के धम्मचक्रप्रवर्तन दिन कार्यक्रम में भोजनदान करते रही है। मार्गदर्शक के नाते डॉ.नितीन राऊत की तस्वीर का उपयोग किया जाता है। इसमें राजनीति का विषय कहां हैं। उत्तर नागपुर में जरुरतमंदों का सर्वे करके भोजन भिजवाया जा रहा है। इस कार्य की सराहना होनी चाहिए
सुरेश जग्यासी,कांग्रेस नेता उत्तर नागपुर।

Created On :   20 April 2020 5:05 PM IST

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