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ऐतिहासिक जल धरोहर को निगलने पर आमदा हैं भू-माफिया, प्राचीन माढ़ोताल तालाब के बीचों-बीच बना दी गई सड़क
डिजिटल डेस्क, जबलपुर। सुप्रीम कोर्ट की स्पष्ट गाइडलाइन है कि किसी भी निजी या सरकारी तालाब का मद परिवर्तित नहीं किया जा सकता। यहां तक कि तालाब के कैंचमेंट एरिया में भी निर्माण नहीं किया जा सकता। नगर एंव ग्राम निवेश विभाग द्वारा बनाए गए मास्टर प्लान में भी सीधे तौर पर उल्लेख है कि माढ़ोताल तालाब के 30 मीटर के दायरे में नगर वन विकसित किया जाना चाहिए। हैरान करने वाली बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन और मास्टर प्लान में नगर वन का प्रावधान होने के बाद भी खुलेआम शहर के प्राचीन और ऐतिहासिक माढ़ोताल तालाब में सड़क बना दी गई। अब भी भू-माफिया तालाब में निर्माण करने की तैयारी कर रहे हैं। हालांकि तत्परता दिखाते हुए जिला प्रशासन ने इसकी जांच शुरू कर दी है।
भू-जलस्तर पर नियंत्रण करने के लिए तालाब जरूरी-
विशेषज्ञों का कहना हैं कि जबलपुर शहित अन्य जिलों में भी भू-जलस्तर तेजी से नीचे गिर रहा है। भू-जलस्तर को गिरने से रोकने के लिए तालाबों का होना जरूरी है। जिन क्षेत्रों में तालाब है, वहीं पर साल भर भू-जलस्तर बना रहता है। माढ़ोताल तालाब की वजह से ही उस क्षेत्र में साल भर भू-जलस्तर नहीं गिरता है। ऐसे में प्राचीन तालाबों को बचाना बेहद जरूरी है।
प्राचीन और ऐतिहासिक माढ़ोताल तालाब में इस तरह अवैध तरीके से सड़क बना कर कब्जा किया जा रहा है।
अमृत सरोवर योजना में शामिल हो तो बदल सकती है तस्वीर-
क्षेत्र के 75 वर्षीय राजाराम त्रिपाठी का कहना है कि मप्र सरकार ने हर जिले में 75 अमृत सरोवर की घोषणा की है। इसके तहत करोडों रूपए खर्च करके तालाब बनाए जाएंगे। कितना दुर्भाग्यपूर्ण है कि शहर में बने बनाए ऐतिहीसिक व प्राचीन तालाबों को मिटाया जा रहा है। आज 5 करोड़ खर्च करके भी माढ़ोताल जैसा 55 एकड़ ता विशाल तालाब नही बनाया जा सकता।
अतिक्रमणकारियों को अघोषित छूट-
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन की ओर से तालाब, बावड़ी और जल संरचनाओ के संरक्षण के साथ ही जल संवर्धन पर जोर दिया जा रहा है। ऐसे में शहर के प्राचीन और ऐतिहासिक माढ़ोताल तालाब पर कब्जा करने के लिए भू-माफिया ने तालाब में सड़क तक बना डाली है।
Created On :   27 April 2022 4:03 PM IST