घास मद की भूमि अपने नाम कराई दर्ज  जाँच के बाद फिर हुई शासन के नाम पर

The land of the grass item got registered in its name after the investigation, again in the name of governance
घास मद की भूमि अपने नाम कराई दर्ज  जाँच के बाद फिर हुई शासन के नाम पर
घास मद की भूमि अपने नाम कराई दर्ज  जाँच के बाद फिर हुई शासन के नाम पर

एसडीएम न्यायालय में पहुँचा मामला तो रिपोर्ट के आधार पर सुधार के आदेश
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
सरकारी जमीन अपने नाम पर कराने लोग अधिकारियों से मिलकर कई चक्कर चलाते हैं और भूमि अपने नाम पर करा लेते हैं, लेकिन ऐसे मामले जाँच में सामने आने के बाद कार्रवाई भी होती है। ऐसा ही एक मामला पनागर क्षेत्र के कसही गाँव का भी सामने आया है जहाँ 25 साल पहले तक शासन की घास मद की जमीन को अपने नाम पर दर्ज कराकर इसके बटांक कराकर बेची भी जा चुकी थी। मामला एसडीएम न्यायालय पहुँचा जहाँ प्रकरण की सुनवाई हुई और पटवारी और नायब तहसीलदार द्वारा सौंपी गई जाँच रिपोर्ट के आधार पर एसडीएम जबलपुर नम: शिवाय अरजरिया ने एक बार फिर भूमि शासन के नाम पर दर्ज करने के आदेश दिये। 
प्रकरण के अनुसार कसही गाँव की 0.80 हेक्टेयर भूमि वर्ष 1990-91 से लेकर वर्ष 1995 तक शासन की घास भूमि में दर्ज थी। वर्ष 1999 के बाद रिकॉर्ड में किशनलाल चौधरी के नाम पर दर्ज हो गई। इस जमीन में से 0.20 हेक्टेयर भूमि प्रशांत राव को बेची भी जा चुकी थी। प्रकरण में शिकायत होने के बाद मामला एसडीएम न्यायालय में पहुँचा। जब जाँच हुई तो हल्का पटवारी और नायब तहसीलदार ने रिपोर्ट सौंपी जिसमें कहा गया है कि 0.20 हेक्टेयर पर जौहरी श्रीपाल का अवैध कब्जा पाया गया है। पटवारी प्रतिवेदन के अनुसार 0.42 हेक्टेयर भूमि मप्र शासन की भूमि है जो वर्ष 1994-95 से 1998-99 तक शासन के मद में दर्ज थी। वर्ष 1999-2000 से मिलन कुमार, मनोज कुमार पिता सुंदरलाल, किशनलाल के नाम पर कैसे आई इसके कोई प्रमाणित दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किये गये। एसडीएम ने आदेश में कहा कि उक्त भूमि घास मद की है, इसलिये किशनलाल को भूमि से बेदखल किया जाये और प्रकरण में नायब तहसीलदार भूमि को िफर शासन के मद में दर्ज करायें। 
 

Created On :   25 Jan 2021 1:58 PM IST

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