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24 तीर्थंकर भगवान के विधान का हुआ आयोजन
डिजिटल डेस्क,शहडोल। बहुत बड़े पुण्य से भारत जैसे देश में जन्म प्राप्त होता है। यहां जैन धर्म की शरण में रहते हुए जिनेंद्र भगवान की पूजा कर पुण्य प्राप्त करते हैं। जिनकों यहां एक साथ 25 मंदिरों के दर्शन प्राप्त हो रहे हो वह व्यक्ति बहुत बड़ा पुण्यात्मा होता है। यह बातें मुनिश्री सुधासागर महाराज ने रविवार को आधारशीला कंपलेक्स में बनाए गए 25 मंदिरों के विधान में उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने बताया कि 2 से 9 अक्टूबर तक शहडोल के 1008 श्री पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर के तत्वाधान में पूरी जैन समाज ने 24 तीर्थंकर भगवान के विधान का आयोजन किया है। इसमें प्रतिदिन 24 तीर्थंकर भगवान की पूजा आराधना सुबह से की जाएगी। इस अवसर पर सूर्या मार्ट परिवार ने ध्वजारोहण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। ध्वजारोहण क्यों किया जाता है इस विषय पर मुनि श्री ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि ध्वजा का तात्पर्य होता है जिन शासन की महिमा का गुणगान करना और इसकी छांव तले रहकर एकता के साथ घर में की प्रभावना करना। मुनि श्री ने कहा हनुमानजी जब लंका गए हुए थे तो इसी ध्वजा के कारण उनको सीता जी की खोज करने में सहायता मिली थी।
Created On :   3 Oct 2022 2:27 PM IST