मामला गंभीर है - नाराज पुलिसकर्मी मुखबिरों की ही मुखबिरी कर रहे हैं

The matter is serious - angry policemen are only informers
मामला गंभीर है - नाराज पुलिसकर्मी मुखबिरों की ही मुखबिरी कर रहे हैं
नागपुर मामला गंभीर है - नाराज पुलिसकर्मी मुखबिरों की ही मुखबिरी कर रहे हैं

डिजिटल डेस्क, नागपुर. मुखबिरों के सहयोग से कई बार ऐसे मामले पुलिस सुलझा लेती है, जिसकी उम्मीद कम होती है। नागपुर में 33 थाने संचालित हो रहे हैं। हर पुलिस अधिकारी-कर्मचारी के अपने मुखबिर होते हैं। पर, शहर में इन दिनों मुखबिरों की जिंदगी पर खतरा मंडराने लगा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, गत दिनों मुखबिरी करने के संदेह पर एक मुखबिर के घर हमला किया  गया। उसे कट्टा दिखाकर मारने की धमकी दी गई। विवादित रहे पुलिस कर्मियों का कॉल डिटेल खंगाला जाए तो मुखबिरों की कैसे मुखबिरी हो रही है, सारा सच सामने आ जाएगा। इसके पहले सक्करदरा थाना अंतर्गत मुखबिरी करने के संदेह में 5 पुलिस कर्मियों को निलंबित किया गया था, जिनके कॉल डिटेल अपराधियों तक जुड़े थे।

पहले भी आए हैं ऐसे मामले  चर्चा है कि पुलिस विभाग के ही कुछ नाखुश कर्मचारी मुखबिरों की मुखबिरी कर रहे हैं। कुछ समय पहले नंदनवन और खापरखेड़ा में ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, जब मुखबिरों पर हमला कराए गए। जब शहर में पुलिस का कोई भी काम अटक जाता है, तब वे पंटर को काम पर लगा देते हैं। इन दिनों शहर में भी कुछ ऐसे मुखबिर हैं, जो मादक पदार्थों के धंधे लिप्त लोगों के खिलाफ मुखबिरी कर रहे हैं। मगर इनके लिए काम करने वाले पुलिस विभाग के ही कुछ सिपाही उनकी मुखबिरी करके उनके जान का दुश्मन बन रहे हैं। ऐसे में कुछ मुखबिरों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि उन्हें पता है कि पुलिस विभाग में कुछ लोग हैं, जो उनके नाम की मुखबिरी अवैध धंधों में लिप्त अपराधियाें के सामने करते हैं। इस अवैध धंधे में लिप्त अपराधी उन्हें ही रास्ते से हटाने की फिराक में लगे रहते हैं।   

ड्रग्स की खबर देनेवाले मुखबिर पर हमला : कुछ समय पहले नागपुर पुलिस विभाग में एक पुलिसकर्मी की ऐसी ही मुखबिरी के चलते ड्रग्स विक्रेता व क्रिकेट बुकी मधु ने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर पैर तोड़ दिया था। मधु के सावनेर में एक लॉज में छिपे होने की खबर उस मुखबिर ने ही दी थी। उस मुखबिर की मुखबिरी पुलिस विभाग के ही एक कर्मचारी ने मधु से की थी। उस समय यह खबर शहर में चर्चा का विषय बनी थी। तब उस दौरान कॉल डिटेल निकाला गया था। ,  पुलिस के मुखबिर की मुखबिरी करने वाले एक सिपाही को अपराध शाखा पुलिस विभाग से हटा दिया गया था।  इस तिलमिलाहट के चलते उसने मुखबिरों की ही मुखबिरी करने की ठान ली। 

अंदर की बात : मुखबिरों की मुखबिरी पर अंकुश लगाने की गुहार वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से लगाए जाने की चर्चा है। मुखबिरों का कहना है कि कुछ पुलिस वाले के कहने के अनुसार हम काम नहीं करते हैं, इसलिए खुन्नस निकालने का काम हो रहा है। 

Created On :   19 Sept 2022 12:34 PM IST

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