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MP की यूनिवर्सिटी में UP के शिक्षाविदों का दबदबा
डिजिटल डेस्क,शहडोल। एशिया की पहली ट्राइवल यूनिवर्सिटी की स्थापना भले ही मध्यप्रदेश में की गई हो, लेकिन यूनिवर्सिटी में उत्तर प्रदेश के शिक्षकों का दबदबा है। पिछले कुछ सालों में विश्वविद्यालय में शिक्षकीय कार्य के लिए जो नियुक्तियां की गई हैं उनमें सबसे ज्यादा उत्तरप्रदेश के शिक्षाविदों को प्राथमिकता दी गई है। वहीं शिक्षण कार्य में यूपी का भले दबदबा हो लेकिन गैर शिक्षण कार्य के लिए तैनात अमले में मध्यप्रदेश के स्थानीय लोगों की संख्या अधिक है। इसके पीछे वजह बताई जा रही है कि जनजातीय विवि होने के कारण विवि प्रबंधन द्वारा निम्न श्रेणी के गैर शिक्षकीय पदों में स्थानीय जनजातीय समुदाय को विशेष प्राथमिकता दी जा रही है। शहडोल संभाग अंतर्गत अनूपपुर जिले के अमरकंटक में स्थापित इस यूनिवर्सिटी में देश के अन्य प्रदेशों के शिक्षाविद् भी आकर बाहुल्य क्षेत्र में शिक्षा की अलख जला रहे हैं।
एकतरफा उत्तरप्रदेश के शिक्षाविद
जनजातीय विवि अमरकंटक में पहले से ही उत्तरप्रदेश से आए शिक्षाविदों का प्रभाव रहा है। वहीं वर्तमान कुलपति प्रो. टीवी कट्टीमनी के कार्यकाल में भी यूपी का यह प्रभाव बरकरार है। 2015 के बाद से अब तक विवि में शिक्षकीय कार्य के लिए 103 पद भरे गए हैं। इनमें 20 पद अकेले उत्तरप्रदेश से भरे गए हैं। इनमें यूपी से 2 प्रोफेसर, 6 एसोसिएट प्रोफेसर और 12 असिसटेंट प्रोफेसर के पद शामिल हैं। यह आंकड़ा किसी भी प्रदेश से लिए गए अभ्यर्थियों से सर्वाधिक है। इसी प्रकार उत्तरप्रदेश से गैर शिक्षकीय कार्य के लिए 5 पदों को भरा गया है
दूसरे पायदान पर MP
मध्यप्रदेश के इस जनजातीय विवि अमरकंटक में शिक्षकीय कार्य के लिए जिन दूसरे प्रदेशों के लोगों ने रुचि दिखाई है, उसमें खुद मध्यप्रदेश दूसरे स्थान पर है। वर्तमान कुलपति प्रो. कटटीमनी के इस कार्यकाल में जहां यूपी के 20 शिक्षाविदों ने इस आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में शिक्षकीय कार्य करने में रुचि दिखाई, वहीं मध्यप्रदेश के शिक्षाविद दूसरे स्थान पर हैं। मध्यप्रदेश से 11 लोगों को वर्तमान कुलपति के कार्यकाल में नियुक्त किया गया है। इनमें 3 एसोसिएट प्रोफेसर और 8 असिसटेंट प्रोफेसर के पद भरे गए हैं, वहीं तीसरे स्थान पर ओडीसा के शिक्षाविद हैं। यहां से 4 प्रोफेसर 2 एसोसिएट और 4 असिसटेंट प्रोफेसर के पद भरे गए हैं।
देश के अन्य प्रदेश से भी आए शिक्षाविद
आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र अमरकंटक में शिक्षा की अलख जलाने भारत देश के अन्य प्रांतों से भी शिक्षाविद अब मध्यप्रदेश आने लगे हैं। छत्तीसगढ़ से 6, राजस्थान, आंध्रप्रदेश और मनिपुर से 5-5, असम से 3, बिहार से 4, दिल्ली और केरला से 2-2, झारखंड, तमिलनाडु, महाराष्ट और कर्नाटक से 4-4, पश्चिम बंगाल से 6 और तेलंगाना से 3 शिक्षाविद अमरकंटक आए हैं। वहीं हरियाणा, पांडीचेरी, पंजाब, त्रिपुरा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश से भी एक-एक शामिल हैं। यह सभी आंकड़े वर्तमान कुलपति के कार्यकाल में हुई भर्तियों के हैं।
नॉन टीचिंग में एमपी हावी
गैर शिक्षकीय पद भरे गए हैं उनमें मध्यप्रदेश के लोगों की संख्या ज्यादा है। इसके बारे में बताया जा रहा है कि आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में जनजातीय विवि के स्थापित होने के कारण कुलपति गैर शिक्षकीय पदों में स्थानीय लोगों को प्रथम वरीयता देते हैं, जिस कारण स्थानीय आदिवासी समुदाय को विवि में कार्य करने का ज्यादा मौका मिल रहा है। 2016 से अब तक कुलपति के कार्यकाल में 33 गैर शिक्षकीय पद भरे गए हैं, उनमें 19 पद मध्यप्रदेश की झोली में गए हैं, वहीं दूसरी स्थान पर उत्तर प्रदेश ने अपनी जगह बनाई है, यहां भी 5 लोगों को मौका दिया गया है। इनके अलावा हरियाणा और कर्नाटक से 2-2 और राजस्थान, तमिलनाडू और त्रिपुरा से 1-1 पद भरे गए है।
जनजातीय विवि अमरकंटक PRO शिवशंकर शर्मा का कहना है कि विवि के सभी पद यूजीसी और मानव संसाधन विकास मंत्रालय से जारी दिशा निर्देशों के अनुरूप ही भरे जाते हैं। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि देश के अन्य बड़े शिक्षण संस्थानों को छोड़कर शिक्षाविद जनजातीय विवि अमरकंटक की ओर रुख कर रहे हैं। हमारे यहां राष्टीय स्तर की भर्ती पद्धति अपनाई जाती है, जिसमें सभी प्रांत के शिक्षाविद हिस्सा ले सकते हैं। इन भर्तियों में सबसे ज्यादा यूपी के शिक्षाविद शामिल हुए होंगे इस कारण उनकी संख्या ज्यादा है।
Created On :   7 Oct 2017 11:38 AM IST