जहरीला हुआ बावली का पानी, मरने लगीं मछलियाँ -मोहल्ले के लोग निस्तार के लिए उपयोग करते हैं पानी

The people of the neighborhood use water for disposal
जहरीला हुआ बावली का पानी, मरने लगीं मछलियाँ -मोहल्ले के लोग निस्तार के लिए उपयोग करते हैं पानी
जहरीला हुआ बावली का पानी, मरने लगीं मछलियाँ -मोहल्ले के लोग निस्तार के लिए उपयोग करते हैं पानी

नगर निगम ने 3 साल पहले की थी सफाई, , अब फिर संकट
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
विनीत टॉकीज के पीछे नया मोहल्ला में शिव मंदिर के पास स्थित करीब डेढ़ सौ साल पुरानी बावली का पानी जहरीला हो गया है। इससे बावली में मौजूद मछलियाँ मरने लगीं हैं। गौरतलब है कि मोहल्ले के लोग बावली का पानी निस्तार के लिए उपयोग करते हैं। इससे अब क्षेत्र में बीमारी फैलने का खतरा बढ़ गया है। मोहल्ले के लेागों ने बताया, तीन साल पहले भी ऐसी ही स्थिति  बनी थी। इसके बाद नगर निगम ने सफाई कराई थी। अब फिर वही हालात होने से मोहल्ले के लोग निस्तार के पानी के लिए परेशान हो रहे हैं। स्थानीय लोगों ने बताया, मोहल्ले के अधिकांश लोग नगर निगम के नलों से केवल पीने का पानी भरते हैं, जबकि नहाने व अन्य निस्तार के लिए वे बावली के पानी का उपयोग करते हैं। अब पानी खराब होने से लोग परेशान हो रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि पानी में ऑक्सीजन कम होने व रसायन मिलने से यह स्थिति बनती है।
 मिल गए विषैले तत्व
 स्थानीय निवासी संदीप यादव बताते हैं कि वर्षों से यह बावली लोगों को  राहत दे रही है। बावली का पानी कभी खत्म ही नहीं होता है लेकिन खुली नालियों और सेप्टिक टैंकों के कारण अब इसके पानी में विषैले तत्व मिल रहे हैं। हर 3 या 4 सालों में जब मछलियों की मत्यु होने लगती है तब हमें यह समझ आ जाता है कि पानी जहरीला हो गया है और उसके बाद लोग निस्तार में भी पानी का उपयोग बंद कर देते हैं।
बावली में है शानदार नक्काशी 
 बताया जाता है कि इस बावली में लगे पत्थरों में शानदार नक्काशी की गई है। इसे देखते ही समझ आता है िक यह पुरानी बावली अपने आप में इतिहास को समेटे हुए है। अंदर जाने के लिए सीढिय़ाँ बनी हुई हैं। स्थानीय रहवासी  प्रदीप यादव, ललित जायसवाल, शरद बाथव, निक्की पटेल आदि ने बताया कि इस बावली में कभी पानी खत्म नहीं हुआ और हमेशा ही केवल कुछ फीट खाली होती है। निगम यदि इसे एक बार बेहतर तरीके से साफ कर दे तो फिर इसका पानी कई सालों के लिए उपयोगी हो जाएगा। 
जलस्तर भी सुधरेगा
 लोगों का कहना है कि नगर निगम यदि शहर के सभी कुओं और बावलियों की सफाई करा दे और उनका बेहतर तरीके से संरक्षण हो तो इससे शहर के जलस्तर में भी बढ़ोत्तरी होगी और लोगों की निगम पर निर्भरता भी कम होगी। अभी यदि एक दिन के लिए भी फिल्टर प्लांट में खराबी आती है या फिर लीकेज होता है तो परेशानी खड़ी हो जाती है, विकल्प के तौर पर निगम को इन पुराने जलस्त्रोतों को जिंदा करना चाहिए। 
इनका कहना है
कुओं और बावलियों की सफाई निगम द्वारा कराई जाती है। जहाँ से भी लोग शिकायत करते हैं एक टीम के माध्यम से कुओं को खाली कराकर सफाई होती है। नया मोहल्ला स्थित बावली की शिकायत मिली नहीं है जल्द ही वहाँ सफाई कराई जाएगी। 
-कमलेश श्रीवास्तव, कार्यपालन यंत्री नगर निगम 
 

Created On :   29 May 2021 5:31 PM IST

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