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किशोरी के बालिग होने से पहले खोजकर पेश करे पुलिस
डिजिटल डेस्क जबलपुर । हाईकोर्ट ने जबलपुर पुलिस को कहा है कि 8 माह पहले कथित तौर पर अपहृत हुई एक किशोरी को बालिग होने से पहले खोजकर कोर्ट में पेश किया जाए। जस्टिस सुजय पॉल की एकलपीठ ने शुक्रवार को मामले पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि मामले की जांच किसी सीनियर अधिकारी को सौंपी जाए, ताकि 23 जून को होने वाली सुनवाई से पहले किशोरी को खोजा जा सके। साथ ही कथित अपहर्ता के बैंक खातों से हुए लेनदेन की जानकारी भी जुटाने के निर्देश पुलिस को दिए गए हैं। बरगी में रहने वाली पीडि़त कृषक की ओर से दायर इस याचिका में आरोप है कि 9 अक्टूबर 2019 को उनकी नातिन का अपहरण आशीष पटेल नामक युवक ने किया था। नामजद रिपोर्ट और एसपी से भी शिकायत करने के बाद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता नवतेज सिंह रूपराह ने अदालत को बताया कि पिछली पेशियों पर भी पुलिस अधीक्षक को भी निर्देश दिए जा चुके, लेकिन फिर भी याचिकाकर्ता की नातिन का सुराग पुलिस नहीं लगा पा रही, जो अवैधानिक है सुनवाई का मौका देकर ही टिम्बर व्यापारियों पर की जाए कार्रवाई
जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की एकलपीठ ने 3 टिम्बर व्यापारियों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने से पहले उनका पक्ष सुनने के निर्देश शासन को दिए हैं। टिम्बर मर्चेन्ट एसोसिएशन जबलपुर के साथ में. माँ नर्मदा टिम्बर, माँ सूर्या टिम्बर और में. पूजा टिम्बर की ओर से दायर याचिका में कहा गया था कि वे टिम्बर की टेण्डर प्रक्रिया में शामिल हुए थे। अनुमति पत्र जारी होने के बाद उन्हें कुल खरीदी की 75 फीसदी राशि जमा करनी थी। इसी बीच प्रदेश में लॉकडाउन घोषित होने के कारण उक्त राशि जमा नहीं की गई। सरकार ने 25 मार्च से 17 मई तक की अवधि को जीरो पीरियड घोषित कर दिया और अब एसोसिएशन को छोड़कर शेष तीनों याचिकाकर्ताओं से राशि वसूलने की कार्रवाई की जा रही, जो अवैधानिक है। सुशांत रंजन का पक्ष सुनने के बाद अदालत ने नोटिस जारी करते हुए अंतरिम आदेश पारित किया।
Created On :   13 Jun 2020 3:17 PM IST