जिनका कोई नहीं ऐसे  बुजुर्गाेे को सुरक्षा का एहसास कराएगी पुलिस 

The police will make such elderly people feel safe
 जिनका कोई नहीं ऐसे  बुजुर्गाेे को सुरक्षा का एहसास कराएगी पुलिस 
 जिनका कोई नहीं ऐसे  बुजुर्गाेे को सुरक्षा का एहसास कराएगी पुलिस 

शहरी क्षेत्रों में पुलिस शुरू करेगी "सुरक्षा का एहसास अभियान
डिजिटल डेस्क शहडोल।
शहडोल पुलिस, सुरक्षा का एहसास। जिला पुलिस जल्द ही यह अभियान शुरू करने की जा रही है। इस अभियान के तहत ऐसे बुजुर्ग जिनका कोई नहीं है और वह अकेले रहते हैं, उनकी मददगार की भूमिका पुलिस निभाएगी। अभियान की शुरुआत नगरीय इलाकों से की जाएगी। बाद में जिला स्तर पर लागू किया जाएगा। 
पुलिस अधीक्षक के अनुसार इसका खाका बना लिया गया है। आगामी एक सप्ताह के भीतर इसकी शुरुआत कर दी जाएगी। अभियान के तहत सबसे पहले नगरीय (शहरी) क्षेत्रों में रहने वाले बुजुर्गों की पहचान की जाएगी। उन्हें चिन्हित किया जाएगा। बाद में संबंधित थाना की पुलिस उनके घर जाएगी और उनकी समस्याओं को समझते हुए उसका समाधान करने का प्रयास किया जाएगा। 
सुरक्षा का जिम्मा पुलिस का 
चिन्हित बुजुर्गों की समस्याओं को जानने के लिए एक फॉर्मेट तैयार कराया जा रहा है। उनके घर जाकर पुलिसकर्मी इस फॉर्मेट को भरवाएंगे। फिर इसकी रिपोर्ट पुलिस अधीक्षक कार्यालय को भेजी जाएगी। थानों से आनी वाली रिपोर्ट का पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आंकलन होगा। इसके बाद पुलिस अधीक्षक के माध्यम से जिस विभाग से संबंधित समस्या या शिकायत होगी, उस विभाग को भेजा जाएगा और उसका समाधान करवाने का प्रयास किया जाएगा। सुरक्षा की पूरी जवाबदारी पुलिस उठाएगी। 
डीएसपी होंगे नोडल अधिकारी
इस पूरे अभियान के नोडल अधिकारी डीएसपी स्तर के अधिकारी को बनाया जाएगा। उन्हीं माध्यम से इसकी मॉनीटरिंग भी की जाएगी। उद्देश्य अकेले रह रहे बुजुर्गों के मनोबल को ऊंचा उठाना और इस बात का एहसास कराना है कि वे अकेले नहीं हैं। एक अनुमान के अनुसार जिले में 60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों की संख्या करीब डेढ़ लाख है। इनमें से 10 फीसदी यानि करीब 15 हजार सीनियर सिटीजन शहरी क्षेत्रों में रहते हैं। इन्हीं में से ऐसे बुजुर्गों की पहचान की जानी है, जो अकेले रहते हैं। 
इंदौर में की थी शुरुआत 
पुलिस अधीक्षक अवधेश कुमार गोस्वामी ने बताया कि जब वे इंदौर में थे तब इस तरह का एक कार्यक्रम शुरू किया था। इससे काफी लोगों की मदद हुई थी। लोगों का अच्छा रिस्पॉन्स मिला था। अब जिले में भी इसकी शुुरुआत की जा रही है। उन्होंने बताया कि शनिवार को हुई क्राइम मीटिंग में इसे लॉन्च करना था, लेकिन कुछ व्यवहारिक दिक्कतों के कारण फिलहाल इसे रोक दिया गया। थाना प्रभारियों से मिले सुझाव के बाद इसमें अमूल-चूल परिवर्तन करते हुए इसे इस माह के अंत तक शुरू कर दिया जाएगा, ताकि इस प्रयास का वास्तविक रूप से बुजुर्गों को लाभ मिल सके। उन्होंने बताया कि वे स्वयं इस पूरे अभियान की रूप-रेखा तैयार कर रहे हैं।
 

Created On :   15 March 2021 5:29 PM IST

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