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पेट्रोल डीजल पर टैक्स लगाकर जनता की जेब खाली कर रही है सरकार
डिजिटल डेस्क, भोपाल। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा है कि सरकार जनता को लूटकर अपना खजाना भर रही है। उन्होंने कहा कि चाहे केन्द्र की या फिर मप्र की भाजपा सरकार हो, दोनों डीजल और पेट्रोल के दामों में बढ़ोत्तरी करके जनता की जेब को खाली करने में लगे हैं। सिंह ने सीएम शिवराज सिंह चौहान से तत्काल पेट्रोल डीजल पर वेट और टैक्स हटाने की मांग की है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मध्यप्रदेश में तो जनता को दोहरी मार पड़ रही है। एक ओर जहां पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोत्तरी का और उस पर प्रदेश सरकार के टैक्स के कारण उसकी कमर बुरी तरह टूट रही है। प्रदेश में पेट्रोल पर 31 फीसदी वेट के साथ 4 रूपए का अतिरिक्त टैक्स लगाया जा रहा है। इसी तरह डीजल पर 27 फीसदी वेट के साथ डेढ़ रूपए का अतिरिक्त टैक्स लगाया जा रहा है। सरकार ने इससे पिछले दो साल में अन्य राज्यों की तुलना में जनता की जेब काटकर सर्वाधिक 37 प्रतिशत का राजस्व अपने खजाने में जमा किया है। श्री सिंह ने कहा कि इसी तरह केन्द्र सरकार ने पेट्रोलियम उत्पादों पर अप्रत्यक्ष करों से लगभग पौन तीन लाख करोड़ की कमाई की है। केन्द्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल के दामों को बढ़ाकर वर्ष 2015-16 में 2.38 लाख करोड़ कमाए थे और 2016-17 में यह आय बढ़कर 2.67 लाख करोड़ हो गए। यह सीधे-सीधे जनता की जेब में अच्छे दिन लाने वाली सरकार ने डांका डाला है। वर्ष 2012-13 में जब यूपीए सरकार थी तब पेट्रोलियम उत्पादों पर अप्रत्यक्ष करों से मात्र 98,602 करोड़ रूपए की आय हुई थी।
सीएम को लिखा पत्र की लोकायुक्त नियुक्त करने की मांग
नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने सीएम शिवराज सिंह चौहान से कहा है कि वे पिछले एक साल से रिक्त लोकायुक्त और दस साल से रिक्त पड़े राज्य मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति की प्रक्रिया शीघ्र पूरी करे।
नेता प्रतिपक्ष श्री सिंह ने सीएम को लिखे पत्र में कहा कि पिछले एक साल से अधिक समय से लोकायुक्त का पद रिक्त है। दो मंत्री सहित 24 आईएएस और 2696 अफसरों पर भ्रष्टाचार के मामले लोकायुक्त में हैं। कुल मिलाकर लोकायुक्त की नियुक्ति से लेकर अनुमति देने तक की सारी ताकत सीएम के हाथ में है फिर भी सीएम भ्रष्ट अफसरों की सूची बनाने के निर्देश दे रहे हैं, इस पर मुझे आश्चर्य है। सिंह ने कहा कि मुझे इस पर भी आश्चर्य है कि एक ओर सीएम भ्रष्टाचार में जीरो टालरेंस की बात करते हैं दूसरी ओर सतना नगर निगम के आयुक्त जो 50 लाख की रिश्वत लेते पकड़े गए और इंदौर की महिला अधिकारी जिसके यहां छापे में करोड़ों की संपत्ति मिली दोनों की नियुक्ति आपकी सरकार की सिफारिश पर हुई। वहीं भोपाल नगर-निगम की आयुक्त छवि भारद्वाज को सिर्फ इसलिए हटा दिया कि वे घोटालों पर कार्रवाई कर रही थी। आपकी जीरो टालरेंस भ्रष्टाचार की नीति में यह विरोधाभास क्यों ? नेता प्रतिपक्ष सिंह ने कहा कि इसी तरह राज्य मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष का पद भी पिछले 10 साल से रिक्त है।
Created On :   25 Sept 2017 7:23 PM IST