बच्चों का इलाज करवाने पहुंचे परिजन एक घंटे तक करते रहे इंतजार

The relatives who came to get the children treated, waited for an hour
बच्चों का इलाज करवाने पहुंचे परिजन एक घंटे तक करते रहे इंतजार
उम्मीदों के जिला अस्पताल पर इंतजार भारी, प्रतिदिन तीन सौ से ज्यादा की ओपीडी, विशेषज्ञ डॉक्टरों की 30 में 27 पद खाली बच्चों का इलाज करवाने पहुंचे परिजन एक घंटे तक करते रहे इंतजार

डिजिटल डेस्क शहडोल। जरुरतमंदों को इलाज के लिए उम्मीद की किरण जिला अस्पताल में ही दिखती है। यह अलग बात है कि यहां बेहतर इलाज व सुविधाओं के नाम पर हर साल करोड़ों रुपए खर्च होने के बाद भी जरुरत पडऩे पर मरीज व परिजन इंतजार करने विवश रहते हैं। बुधवार सुबह कक्ष क्रमांक 14 ओपीडी व प्रतिक्षालय में इलाज के लिए बच्चों को लेकर पहुंचे कई परिजनों को एक घंटे से ज्यादा समय तक इंतजार करना पड़ा। इन्होंने बताया कि जिला अस्पताल में अब यह रोज की समस्या होती जा रही है। जिला अस्पताल के प्रवेश द्वार पर ओपीडी में भी एक ही डॉक्टर मरीजों का इलाज कर रहे थे। यहां प्रतिदिन ओपीडी में जांच करवाने के लिए लगभग तीन सौ से ज्यादा मरीज पहुंचते हैं। ओपीडी में मरीजों का परीक्षण और इलाज में डॉक्टरों की कमीं पर सिविल सर्जन डॉ. जीएस परिहार विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमीं की बात दोहराते हैं। बताते हैं कि यहां विशेषज्ञ डॉक्टरों के 30 में से 27 पद खाली हैं।
तीन डॉक्टर लंबे समय से अवकाश पर, मेडिकल ऑफीसरों के कंधों पर टिकी व्यवस्था
जिला अस्पताल में तीन डॉक्टर लंबे समय से अवकाश पर हैं। इसमें डॉ. शीतलानी, डॉ. हर्षिता शर्मा व डॉ. पुष्पेंद्र द्विवेदी शामिल हैं। डॉ. धर्मेंद्र द्विवेदी ऑपरेशन के बाद आराम के लिए अवकाश पर हैं। यहां जरुरतमंद परिवारों का इलाज मेडिकल ऑफीसरों के कंधे पर टिकी है। इसमें भी तीन से ज्यादा पद खाली हैं। 18 मेडिकल ऑफीसरों की  इमरजेंसी व एमएलसी के साथ ही एसएनसीयू आइसीयू व प्रसूति विभाग की सेवाओं के बाद ओपीडी में ड्यूटी लगती है।
ऐसे समझें मरीजों की परेशानी
- जिला अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों के 27 पद खाली हैं। इसमें मेडिकल विशेषज्ञ के  3 में 3, सर्जिकल के 2 में 1, स्त्री रोग विशेषज्ञ के 4 में 4, अस्थि रोग विशेषज्ञ के 2 में 2, निश्चेतना के 2 में 2, नेत्र रोग के 2 में 1, शिशु रोग विशेषज्ञ 7 में  7, रेडियोलॉजिस्ट 2 में 2, पैथोलॉजिस्ट 2 में 2, नाक-कान-गला 2 में 2 व क्षय रोग विशेषज्ञ के 1 में 1 पद खाली है।
- जिन डॉक्टरों की ड्यूटी भी लगती है तो सुबह समय पर उपलब्ध नहीं होते हैं। मरीजों ने बताया कि कई डॉक्टर बीच-बीच में उठकर चले जाते हैं और मरीजों को इंतजार करना पड़ता है।
इलाज में समस्या बताते परिजन
- 10 बजे से बैठे हैं। पर्ची कटवाने के बाद बताया गया कि 14 नंबर कमरे में डॉक्टर मिलेंगे। एक घंटे से एक भी डॉक्टर नहीं आए। बच्ची शानवी को दिखवाने आए हैं।
- अनादि शर्मा
- चंदनिया गांव से आए हैं। बच्ची केा सर्दी खांसी है। डॉक्टर नहीं बैठे हैं। बहुत देर से इंतजार कर रहे हैं। डॉक्टर मिल जाते तो समय पर घर पहुंच जाते। दोपहर में गर्मी नहीं लगती।
- रिंकू बैगा
ओपीडी में सामान्यत: विशेषज्ञ डॉक्टरों को बैठना होता है। जिला अस्पताल में अलग-अलग विशेषज्ञों के 30 में 27 पद खाली है। किसी तरह हम मेडिकल ऑफीसरों से काम चला रहे हैं।
डॉ. जीएस परिहार
सिविल सर्जन जिला अस्पताल शहडोल

Created On :   4 May 2022 11:23 PM IST

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