पेट्रोल पंप में लूट की वारदात का एक माह में भी नही हुआ खुलासा

The robbery at the petrol pump was not disclosed even in a month
पेट्रोल पंप में लूट की वारदात का एक माह में भी नही हुआ खुलासा
पन्ना पेट्रोल पंप में लूट की वारदात का एक माह में भी नही हुआ खुलासा

डिजिटल डेस्क, पन्ना। ककरहटी के पेट्रोल पंप श्री जोगी बाबा पेट्रोलियम में दिनदहाड़े हुई लूट की घटना को आज एक माह पूरा हो गया है लुटेरों के ना पकड़े जाने से ककरहटी और समीपवर्ती इस शांत ग्रामीण अंचल के लोग भारी खौफ में है। वह अपने को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं उनके दिलो से यह बात नहीं निकल रही कि जब मेन रोड में बने पेट्रोल पंप जहां निरंतर लोगों का आना जाना लगा रहता है यदि वहां इस तरह की घटना हो सकती है तो फिर वह किसी तरह से भी सुरक्षित नहीं है।इस तरह की आशंकाओं के चलते इस क्षेत्र के जनजीवन का चैन समाप्त हो गया हैऔर वह अपने यहां आने वाले हर अपरिचित को संदेह की निगाह से देख रहे हैं। 
लगभग एक मिनट में घटी थी लूट की घटना 
 23 जून को दोपहर 2 बजे और 2:15 बजे के बीच हुई थी भारी गर्मी के चलते पेट्रोल पंप में सन्नाटा मचा हुआ था।कभी-कभी कोई ग्राहक आता था जिन की सेवा के लिए पंप में एक कर्मचारी राम किशोर उर्फ भोले तैनात था बाकी के कर्मचारी और मैनेजर मैनेजर कक्ष में बैठे हुए थे तभी पड़ोसी ग्राम का एक ग्राहक आया वह अपने पुत्र का इलाज कराने के लिए पन्ना जा रहा था।भोले उसको पेट्रोल देने और रूपये  लेने में लगा हुआ था तभी हीरो एक  मोटरसाइकिल आई उसमें 3 लोग सवार थे तीनों का मुंह तोलिया से इस तरह ढका हुआ था कि सिवाएं उनकी आंखों के अलावा और कुछ दिखाई नहीं दे रहा था और गाड़ी की नंबर प्लेट टेप से ढकी हुई थी।एक गाड़ी को स्टार्ट किए रहा है।दो उतरे दोनों के हाथ में कट्टे थे और  भोले कि गर्दन में दोनों ओर से दोनों ने कट्टे लगा दिएऔर उनमें से एक ने बहुत धीमी आवाज में गाली देते हुए भोले के गले में टंगा हुआ रुपयों का बैग निकाल लिया और वापस गुनौर की ओर चले गए। पंप कर्मचारी भोले इस घटना से इतना  आतंकित हो चुका था कि उसके गले से आवाज ही नहीं निकली और जो एक ग्राहक वहां पहले से था उसे पहले तो यह लगा कि यह मजाक चल रहा है लेकिन जैसे ही बैग लेकर जाने लगे तब उसको पता चला कि यह तो लूट की घटना है उन्होंने ललकारा फिर भोले भी घबराई आवाज में चिल्लाया इस शोर शराबा को सुनकर पंप के मैनेजर और कर्मचारी बाहर आए और उन्होंने उनका पीछा करके पता लगाने की बजाय पुलिस को डायल 100 ककरहटी और गुनौर पुलिस को सूचना देने लगे पंप के अन्य कर्मचारी लुटेरों का पता लगाने के उद्देश्य से अपने पहचान वालों को सूचना देने में लग गए।कर्मचारियों के अलावा पंप में मालिकान में से कोई वहां मौजूद नहीं था परंतु लुटेरे पता नहीं किस मार्ग के जरिए ऐसे गायब हो चुके थे कि उनका एक माह व्यतीत हो जाने के बावजूद कोई पता नहीं लग सका है। 
पुलिस की शुरूआती सक्रियता धीरे-धीरे पडी ढीली 
इस मामले में जो एक प्रत्यक्षदर्शी है उसे यह लुटेरे आते वक्त पहले नचनौरा मोड़ के पास मिले थे जब लुटेरों ने गाड़ी को लहराते हुए इन्हें पीछे छोडक़र इनके आगे निकले थे फिर भी ग्राहक पहले पहुंच गया लुटेरे बाद में पहुंचे इसका मतलब यह हुआ कि लुटेरे घटना घटित करने के पहले कहीं और गए थे कहां इसका पता लगाया जाना शेष है। लूट जैसा गंभीर अपराध करने के बाद ये लुटेरे 10 किलोमीटर तक सीधी सडक़ से होते हुए जरिये गुनौर गए होंगे इसमें संदेह है। इस मार्ग के अलावा इनको भागने के लिए तीन अन्य मार्ग हैं । पहला समाना की सडक़ से दूसरा  ककरहटा में जहां फैक्ट्री लगी हुई थी वहां से तीसरा सुरदहा मार्ग से पर इन तीनों मार्ग से जाना सरल नहीं था क्योंकि पानी बरस जाने के कारण मार्ग खराब हो गया था जानकारों का कहना है कि यदि नए लोग हैं तो इन तीनों मार्गों से जाना संभव नहीं था लेकिन यदि कोई परिचित हो स्थानीय हो तो उसे पता था कि किस खेत की किस्मत से निकल कर भाग सकते थे यह भी हो सकता है कि इन तीनों मार्गों के पास वाले किसी ग्राम में इन्होंने मामला शांत होने तक किसी के यहां शरण ली हो क्या पुलिस ने इस क्षेत्र के असामाजिक तत्वों से अब तक कोई पूछ -परख की है। विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि घटना के शुरुआती कुछ दिनों तक पुलिस सक्रिय थी तब इन लुटेरों की हुलिया वाला उसी तरह की गाड़ी में सवार तीन लोगों का फोटो कहीं और लगे सी सी टीवी कैमरों के जरिए पुलिस को मिल गया था लेकिन पुलिस बाद में अन्य जरूरी कार्य में इतना उलझ गई कि इसके आगे की कड़ी का पता  लगाने के लिए उनको समय ही नहीं मिल पाया।

Created On :   23 July 2022 11:29 AM GMT

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