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बुद्धकाल से संबंध होने के कारण केन्द्रीय पुरातत्व विभाग की हाईलेवल कमेटी ने किया चयन, स्वतंत्रता दिवस पर दिल्ली में होगा भव्यता के साथ लोकार्पण
डिजिटल डेस्क जबलपुर। पुरातत्व विभाग के तेवर स्थित खुदाई कैंप में मिली हजारों वर्ष पुरानी प्रतिमाओं में से एक बौद्ध धर्म की प्रसिद्ध तारा देवी की प्रतिमा का चयन दिल्ली स्थित राष्ट्रीय संग्रहालय के लिए हुआ है। एक पत्थर में बनी ये अद्भुत कारीगिरी के साथ तैयार हुई ये मूर्ति मूर्तिकला की शुरुआत और तेवर में बौद्ध धर्म की स्थापना का प्रतीक मानी जा रही है। इन्हीं तमाम मापदंडों को देखते हुए केन्द्रीय पुरातत्व विभाग की हाईलेवल कमेटी ने इसका चयन दिल्ली स्थित राष्ट्रीय संग्रहालय के लिए किया है। इस मूर्ति को खोजने वाली एएसआई जबलपुर सर्किल की टीम मूर्ति के चयन को बड़ी उपलब्धि मान रही है। फिलहाल इस मूर्ति का वैज्ञानिक परीक्षण और अन्य तरह का वैल्यूवेशन इंदौर की टीम द्वारा किया जा रहा है।
कला और सौंदर्य का समावेश
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार तारादेवी का स्थान दस महाविद्याओं में द्वितीय है। तारा का अर्थ होता है तारने वाली इसे पार्वती का स्वरूप भी माना जाता है। तेवर में मिली मूर्ति में मूर्तिकला का विस्तार से वर्णन किया गया है। जिसमें हार, झुमके, बाजूबंद, ताबीज, चूड़ी, करधनी और पायल आदि का चित्रण पूरी स्पष्टता से किया गया है। देवी को निचले शरीर का कपड़ा पहने दिखाया गया है, जो बहुत अच्छी तरह से सजाया गया है, जिसमें पुष्प पैटर्न दिखाई दे रहे हैं। मूर्ति की छवि 10वीं-11वीं सदी की कलचुरी कला के समान है।
विशेष सुरक्षा में होगी रवानगी
तेवर कैंप से लगे कूडऩ गाँव में मिली तारा देवी की मूर्ति को फिलहाल चौसठ योगिनी मंदिर में सुरक्षित रख दिया गया है। केन्द्रीय टीम की अनुमति मिलने पर इसे हाई सिक्योरिटी में दिल्ली ले जाया जाएगा। जहाँ 15 अगस्त को राष्ट्रीय संग्रहालय में इसका विधि-विधान और भव्यता के साथ लोकार्पण किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक उक्त कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी शामिल हो सकते हैं। हालाँकि अभी कार्यक्रम तय नहीं हुआ है, इसलिए किसी तरह की घोषणा नहीं की जा रही है।
इसलिए हुआ चयन
राष्ट्रीय संग्रहालय में हर तीन साल में नई थीम के साथ पुरातात्विक महत्वों की चीजों का चयन किया जाता है। इस वर्ष बौद्धकाल की थीम पर चयन होना था। जिसमें कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडू, उड़ीसा और मप्र से मूर्तियाँ भेजी गईं थीं, जिसमें जबलपुर सर्किल से भेजी गई तेवर की तारा देवी की मूर्ति में बुद्धिज्म के साथ कला, संस्कृति और धार्मिक मान्यताओं के सभी मापदंड होने के कारण इसका चयन किया गया।
इनका कहना है
तेवर के कूडऩ गाँव में मिली तारादेवी की प्राचीन प्रतिमा का चयन राष्ट्रीय संग्रहालय के लिए हाईलेवल कमेटी ने किया है। इस मूर्ति को वैज्ञानिक वैल्यूवेशन के बाद पूरी सुरक्षा के बीच दिल्ली ले जाया जाएगा और 15 अगस्त को वहाँ मूर्ति का लोकार्पण कार्यक्रम होगा।
सुजीत नयन, अधीक्षण पुरातत्व विभाग जबलपुर सर्किल
Created On :   10 Aug 2021 2:18 PM IST