अनोखा है  बुंदेलखंड पन्ना का जुगल किशोर जी का मंदिर , दूर दूर तक है प्रसिद्ध 

The temple of Jugal Kishore ji of Bundelkhand Panna is unique, it is famous far and wide
अनोखा है  बुंदेलखंड पन्ना का जुगल किशोर जी का मंदिर , दूर दूर तक है प्रसिद्ध 
कान्हा की मुरलिया में हीरा जड़े ,, अनोखा है  बुंदेलखंड पन्ना का जुगल किशोर जी का मंदिर , दूर दूर तक है प्रसिद्ध 

डिजिटल डेस्क पन्ना । पन्ना के जुगल किशोर की मुरलिया में हीरा जड़े हैं - यह लोक भजन बुंदेलखंड के हर गांव और घर में प्रत्येक शुभ कार्य में गाया और बजाया जाता है यह लोक भजन पन्ना के ऐतिहासिक जुगल किशोर जी मंदिर की महिमा से जुड़ा हुआ है । यह भजन ही नहीं अपित़ु सच्चाई भी है । बुंदेलखंड के आराध्य देव श्री जुगल किशोर जी की महिमा निराली है । बताया जाता है कि जो भी श्रद्धा भाव से वर मांगा जाता है सभी पूर्ण होते हैं तभी तो पूरे भारतवर्ष के लोग यहां दर्शन करने आते हैं और भक्त भगवान की नयनाभिराम झांकी को देखकर अभिभूत हो जाते । इस ऐतिहासिक अद्भुत मंदिर की परंपराएं भी निराली है । मान्यता है कि  भगवान जुगल किशोर जी के राज्य में कभी कोई भूखा नहीं सोता इसीलिए भगवान को दोपहर का भोग 2:30 बजे एवं रात की बयारी आरती 10:30 बजे होती है जब सामान्यत: सभी लोग दोपहर का भोजन एवं रात्रि की बयारी कर चुके होते हैं । इस मंदिर से भक्तों की कई किंबदंती या जुड़ी है जिस में हिम्मत दास जी को प्रत्यक्ष दर्शन देना प्रमुख है । शहर का प्रत्येक नागरिक दिन में एक बार मंदिर दर्शन करने अवश्य आता है । श्री जुगल किशोरजी मंदिर का निर्माण पन्ना के चौथे बुंदेला राजा राजा हिंदूपत सिंह ने अपने शासनकाल के दौरान 1758 से 1778 तक किया था। किंवदंतियों के अनुसार, इस मंदिर के गर्भगृह में रखी गई मूर्ति को ओरछा के रास्ते वृंदावन से लाई गई थी। भगवान स्वामी के आभूषण और पोशाक बुंदेलखंडी शैली को दर्शाते हैं। मंदिर में बुंदेली स्थापत्य कला से बनाया गया है, जिसमें एक नट मंडप, भोग मंडप और प्रदक्ष्णा मार्ग शामिल हैं। मंदिर दर्शन प्रतिदिन सुबह 5 बजे,सुबह 7 बजे,दोपहर 12 बजे और शाम 7 बजे होते हैं और कनक कटोरा से लेकर शाम तक की आरती के समय पट खोले जाते हैं

Created On :   29 Aug 2021 12:01 PM GMT

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