जयपुर: एसीएस माइंस की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय कमेटी द्वारा सभी 267 प्रकरणों में सुनवाई पूरी, उच्च स्तरीय बैठक में की प्रकरणों की समीक्षा

जयपुर: एसीएस माइंस की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय कमेटी द्वारा सभी 267 प्रकरणों में सुनवाई पूरी, उच्च स्तरीय बैठक में की प्रकरणों की समीक्षा
जयपुर: एसीएस माइंस की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय कमेटी द्वारा सभी 267 प्रकरणों में सुनवाई पूरी, उच्च स्तरीय बैठक में की प्रकरणों की समीक्षा

डिजिटल डेस्क, जयपुर। एसीएस माइंस की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय कमेटी द्वारा सभी 267 प्रकरणों में सुनवाई पूरी, उच्च स्तरीय बैठक में की प्रकरणों की समीक्षा। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइन्स डॉ. सुबोध अग्रवाल की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय कमेटी ने याचियों के पक्ष की सुनवाई के बाद आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में बुधवार को सचिवालय में सभी 267 प्रकरणों की समीक्षा की। राज्य सरकार द्वारा गठित तीन सदस्यीय कमेटी में अध्यक्ष डॉ. सुबोध अग्रवाल, प्रमुख सचिव गृह श्री अभय कुमार और योजना सचिव श्री सिद्धार्थ महाजन की कमेटी ने 14 सितंबर से 25 सितंबर तक वीडियो कॉफ्रेसिंग के माध्यम से सभी 267 प्रकरणों में सभी याचियों को बारी बारी से अवसर प्रदान कर उनके पक्ष को सुना गया। गौरतलब है कि खान विभाग द्वारा एक नवंबर 2014 से 12 जनवरी 2015 के दौरान खनन पट्टों हेतु जारी मंशा पत्र और पूर्वेक्षण अनुज्ञापत्रों के निरस्तीकरण पर दायर याचिकाओं पर जयपुर और जोधपुर उच्च न्यायालयों द्वारा पारित निर्णयों में याचियों के पक्ष को सुनने के निर्देश दिए गए थे। न्यायालय द्वारा पारित निर्णय के क्रम में प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया। राज्य सरकार द्वारा गठित कमेटी में एसीएस माइन्स डॉ. सुबोध अग्रवाल के साथ ही प्रमुख सचिव गृह श्री अभय कुमार और आयोजना सचिव श्री सिद्धार्थ महाजन ने याचियों के पक्ष की सुनवाई की। संयुक्त सचिव माइन्स श्री ओम कसेरा समिति के सदस्य सचिव है। बुधवार को आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में समिति सदस्यों के साथ ही निदेशक माइंस श्री केबी पाण्ड्या, डीएलआर श्री गजेन्द्र सिंह, तकनीकी सदस्य अधीक्षण खनि अभियंता जयपुर श्री महेश माथुर, उदयपुर श्री अनिल खेमसरा, टीए श्री सतीश आर्य ने हिस्सा लिया। बैठक में सुनवाई किए गए सभी 267 याचियोंं के विचाराधीन प्रकरणों के संबंध में सभी संभावित पहलुओं पर विचार विमर्श किया गया। गौरतलब है कि खान विभाग द्वारा एक नवंबर, 2014 से 12 जनवरी, 2015 के दौरान जारी खनन पट्टों हेतु मंशा पत्र और पूर्वेक्षण अनुज्ञापत्र के संबंध मेंं राज्य सरकार को शिकायत प्राप्त होने पर इस दौरान जारी सभी स्वीकृतियों को निरस्त कर दिया गया था। राज्य सरकार के निरस्तीकरण के आदेश के विरुद्ध जोधपुर और जयपुर के उच्च न्यायालय में विभिन्न रिट याचिकाएं दायर की गई थी। समिति की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार संबंधित याचीगणों को अधिक्षण खनि अभियंता जयपुर, कोटा, जोधपुर, उदयपुर, बीकानेर, अजमेर, राजसमन्द, भरतपुर, भीलवाड़ा एवं खनि अभियंता जैसलमेर के कार्यालय से वीडियो कॉफ्रेसिंग के माध्यम से सुनवाई करते हुए समिति की समक्ष अपना पक्ष रखने का अवसर दिया गया।

Created On :   22 Oct 2020 9:28 AM GMT

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