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इस जंगल में खुले में घूम रहा था बाघ, बसों को निहारने लगे भालू
डिजिटल डेस्क, नागपुर। रविवार को एफडीसीएम की ओर से पत्रकारों ने गोरेवाड़ा इंडियन सफारी का लुत्फ उठाया। शहर के करीब 60 से ज्यादा पत्रकार इसमें शामिल रहे। 3 बसों में कुल 300 से ज्यादा हेक्टर में फैली इंडियन सफारी का लुत्फ सभी ने उठाया। इस दौरान भालू सफारी में 4 भालू नजर आए। वहीं टायगर सफारी में जंगल में बाघ ‘राजकुमार’ को देख हर कोई रोमांचित हो गया।
हर कोई रोमांचित था
-दोपहर 2.20 बजे बस लेपर्ड सफारी मंे पहुंची। जहां कुछ मिनट बस को पिछला दरवाजा बंद करने व आगे का दरवाजा खुलने तक रोका गया। सामने का दरवाजा पूरी तरह से खुलते ही बस भीतर गई। हर कोई इसे लेकर रोमांचित था कि, यहां आस-पास ही तेंदुआ दिखाई देगा। जंगल में खुली कांच वाली पारदर्शी बस में घूमने का आनंद ही कुछ ओर मिल रहा था।
तेंदुए ने किया निराश, नहीं दिखाई दिया
कुल 15 मिनट तक बस कच्ची सड़क पर धीरे-धीरे भालू सफारी की ओर बढ़ रही थी, लेकिन तेंदुए का दूर-दूर तक नामोनिशान नहीं दिखाई दिया। आखिर तेंदुआ सफारी की सीमा खत्म हो गई। हर कोई निराश था। इसके बाद फिर जालियों का गेट खुला और बस भालू सफारी की ओर बढ़ गई।
भालू ने रोमांच से भर दिया
यहां हर किसी की नजर भालू देखने के लिए तरस रही थी। 10 मिनट तक हर कोई सूखी झाड़ियों के बीच नजर गड़ाकर देख रहा था, लेकिन भालू कहीं नजर नहीं आया। अचानक दूर एक भालू दौड़ता हुआ दिखाई नजर आया। सभी का उत्साह चरम सीमा पर पहुंच गया। बस की आवाज सुनते ही भालू दो पैरों पर खड़े होकर दूर से ही बस को निहारने लगा। तभी उसके पास और 3 भालू दौड़कर आए। यह देख कर हर कोई जंगल का अहसास कर रहा थेा।
बाघ दिखाई देते ही उत्साह चरम पर पहुंच गया
-दोपहर 3.05 बजे बस फिर एक गेट से आगे बढ़ी। यह थी शाकाहारी वन्यजीवों की सफारी। इस सफारी में पहुंचते ही दूर एक झुंड़ में 5 से 6 नीलगाय देखने मिलीं। आखिरी सफारी यानी टायगर सफारी का गेट पार करते ही हर किसी की नजर बाघ को ढूंढ रही थी। बस करीब 80 मीटर चली होगी कि, बाघ ‘राजकुमार’ एक जगह से दूसरी जगह जाते हुए दिखाई दिया। उत्साह चरम पर था। बस को वहीं रोका गया। बस के भीतर से खुले जंगल में घूमते हुए बाघ को देखने का अनुभव हर किसी के लिए अलग ही रहा।
Created On :   25 Jan 2021 1:47 AM IST