तालाब का गंदा पानी पीने मजबूर हैं गोहपारू के आदिवासी

The tribals of Gohparu are helplessly drinking dirty pond water
तालाब का गंदा पानी पीने मजबूर हैं गोहपारू के आदिवासी
तालाब का गंदा पानी पीने मजबूर हैं गोहपारू के आदिवासी

डिजिटल डेस्क शहडोल । जनपद पंचायत गोहपारू के ग्राम करुआ के आदिवासी मोहल्ला टिकुरीटोला में एक सप्ताह से फिर पेयजल समस्या गहरा गई। यहां के करीब 50 परिवार फिर से तालाब का पानी पीने के लिए मजबूर हैं। उनका कहना है कि दो बाल्टी पानी भरने के बाद ही हैंडपंप हांफने लगते हैं, वहीं जिस हैंडपंप में फिल्टर लगाया गया था, उससे फिर लाल पानी निकलने लगा है।  

गौरतलब है कि पिछले दिनों टिकुरीटोला की फोटो अखबारों में छपने के बाद तत्कालीन कमिश्नर रजनीश श्रीवास्तव ने मामले पर त्वरित कार्रवाई करते हुए पीएचई विभाग के अधिकारियों को मौके पर भेजा था। पीएचई ने वहां के हैंडपंप सुधारे थे। ग्रामीणों का कहना है कि पीएचई विभाग के कर्मचारियों ने यहां के हैंडपंप में सिर्फ फिल्टर लगाया था। इससे कुछ दिनों तक तो पानी साफ निकला, लेकिन अब पहले जैसा लाल पानी ही निकल रहा है। उनका आरोप है कि अधिकारियों ने आदिवासी मोहल्ले में सबमर्सिबल पंप नहीं लगाया। गांव में जहां पहले से ही पानी की बेहतर व्यवस्था है, वहां पंप लगा दिया गया। 

तालाब से भरते हैं पीने का पानी 
गांव के हिंगू चौधरी, शोभनाथ चौधरी, लीला, संजय, रामदास बैगा, झुन्नू बैगा, रामकिशोर कोल, केशव, बाबूलाल, छोटेलाल आदि ने बताया कि देवतारा तलाब से ही सुबह-शाम वे पानी ले जाते हैं। बस्ती में चार हैंडपंप हैं, कुछ का वाटर लेवल नीचे चला गया है, जबकि एक से लाल पानी निकल रहा है। कुछ लोग निजी बोर से लाइन लगाकर पानी भरते हैं। 

पानी के लिए धनौहा के लोग भी बेहाल 
सेमरा गोहपारू के पास ही धनौहा गांव की आदिवासी बस्ती में भी पानी की भीषण समस्या है। स्थिति यह है कि धनौहा-पाथर पंचायत के सरपंच गोकुल बैगा तक पानी के लिए परेशान हैं। गांव के नत्थूलाल चौधरी, बाबू बैगा, पलटू चौधरी आदि ने बताया कि गांव में नल-जल योजना संचालित है, लेकिन बोर से मोहल्ले में आने वाली पाइप लाइन कई दिनों से टूटी हुई है। इसके चलते ऊपर तक पानी नहीं आ पाता है। मजबूरी में लोगों को दूर से पानी लाना पड़ता है। गांव की आबादी करीब 500 है। वहीं मूरा टोला में हरिजन आदिवासी रहते हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत इन्हें ही हो रही है।

ग्रामीणों ने बताया कि मोहल्ले में दो हैंडपंप हैं, लेकिन दोनों से पानी नहीं निकल रहा है। नत्थूलाल चौधरी ने बताया कि गांव के निचले हिस्से में लाल बहादुर के घर के पास सरकारी बोर है, वहां से पाइपलाइन लगाई गई है, लेकिन वह टूट गई है। उनके घरों के आसपास पानी आता ही नहीं है। इस भीषण गर्मी में पीने के पानी समेत निस्तार के लिए दूर से पानी लाना पड़ता है। घर की महिलाएं और बच्चे सभी पानी ढोने के काम में लगे रहते हैं। सुबह-शाम पानी का इंतजाम करना सबसे बड़ी समस्या बन गई है। 

इनका कहना है 
करुआ में पंप लगवा दिया गया है। तालाब से मकान निर्माण के लिए पानी ले जाया जाता है। अगर धनौहा में पाइपलाइन फूटी है तो इसे दिखावाकर सही कराया जाएगा। 
नरेश पाल, कलेक्टर 

 

Created On :   22 May 2018 1:55 PM IST

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