पहाड़ पर ग्रामीणों ने मेहनत से हरियाली का किया श्रृंगार - नई पहचान बना रहा कुनिया क्षेत्र

The villagers on the mountain worked hard to make greenery - Kuniya area is creating new identity
पहाड़ पर ग्रामीणों ने मेहनत से हरियाली का किया श्रृंगार - नई पहचान बना रहा कुनिया क्षेत्र
पहाड़ पर ग्रामीणों ने मेहनत से हरियाली का किया श्रृंगार - नई पहचान बना रहा कुनिया क्षेत्र

डिजिटल डेस्क कटनी/बरही । बीस वर्ष पहले जिस सपना को लेकर ग्रामीणों ने वीरान पहाड़ पर मंदिर स्थापित कर पर्यावरण को हरा-भरा रखने का संकल्प लिया था। उनकी मेहनत अब हरे रंग में नजर आ रही है। बरही से करीब दस किलोमीटर दूर तिमुआ ग्राम पंचायत का कुनिया क्षेत्र मिनी गोवा के रुप में अपनी पहचान बनाते जा रहा है। पहाड़ों पर विराजी माता काली रानी का दर्शन करने के लिए साल भर श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। बाणसागर डेम के पानी से घिरा यह पहाड़ आस्था के साथ पर्यटन का भी प्रमुख केन्द्र बिन्दु है। दरअसल इसकी शुरुआत यहां के ग्रामीणों ने मिलकर की। गांव के अंतिम छोर में पहाड़ को विकसित करने का सबने मन बनाया। शुरुआत आपसी चंदे से हुई। पहाड़ तक पहुंचने के लिए दुर्गम रास्ते को सबसे पहले ग्रामीणों ने ही पसीना बहाकर दुरुस्त किया।
इसके बाद पहाड़ की चोटी में माता काली रानी की प्रतिमा स्थापित कराई गई। भक्त यहां पर पहुंचने के बाद पेढ़ों की छांव में आराम कर सकें। जिसके लिए ग्रामीणों ने औषधीय महत्व के सैकड़ों पौधे रोपे। ये सभी पेढ़ अब वृक्ष बन गए हैं। इसके बाद पूरे पहाड़ को आकर्षक बनाने के लिए शासन और प्रशासन से मदद लेते हुए बिजली, मंदिर तक पहुंचने के लिए सीसी सड़क और अन्य व्यवस्थाएं कराएं। ग्रामीणों ने कहा कि यदि प्रशासन अब थोड़ी सी मदद कर तो यह पर्यटन के रुप में प्रमुख स्थल बन सकता है।
पानी से घिरा रहता है पहाड़
बाणसागर डेम का पानी इस क्षेत्र को और अधिक सौंदर्यता प्रदान कर रहा है। मंदिर में पहुंचने के बाद भक्त एक तरफ जहां माता का आशीर्वाद ग्रहण करते हैं। वहीं दूसरी तरफ मंदिर के चारों तरफ घूमकर डेम के मनमोहक नजारे से भी रुबरु होते हैं। एक बार जो यहां पर पहुंचता है। वह फिर अपने दिल में यही का नाजारा लेकर लौटता है। जिसका परिणाम है कि अब इस क्षेत्र में दूर-दराज से लोग भी समय-समय पर पहुंचकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराते रहते हैं।
पर्यटन को लेकर जागी आश
प्रमुख पर्यटन केन्द्र बनाए जाने को लेकर क्षेत्रवासियों में आश जागी है। स्थानीय नागरिक इंद्रपाल मिश्रा, तीरथ पटेल, आनंद, अजय वर्मा, डॉक्टर दीपक अग्रवाल, मनीष दुबे, केके मिश्रा, संदीप स्वर्णकार, आशीष तिवारी ने बताया कि यह क्षेत्रवासियों की मेहनत का ही परिणाम है कि जिस जगह पर लोग पहुंच नहीं पाते थे। आज आसानी से लोग आ जा सकते हैं। यदि प्रशासन इसमें सार्थक पहल करे तो निश्चित ही यह क्षेत्र उच्चस्तरीय पर्यटन केन्द्र बन सकता है। बाणसागर डेम में कई टापू भी हैं। यदि यहां पर मोटरबोट प्रशासन चलाए तो लोगों को एक नया रोमांच मिलेगा। साथ ही स्थानीय स्तर पर आत्मनिर्भर भारत का भी सपना साकार होगा।
सीईओ ने भी की सराहना
कुनिया के इस क्षेत्र की सराहना करते हुए जिला पंचायत के सीईओ जगदीश चंद्र गोमे कहते हैं कि निश्चित ही ग्रामीणों और शासन-प्रशासन की सार्थक पहल से इस क्षेत्र को विकसित किया जा सकता है। इन्होंने कहा कि आगामी समय में वे स्वयं वहां पर जाएंगे और पर्यटन की जो भी संभवानाएं होगी। उसे मैदान मेें उतराने की कोशिश की जाएगी।

Created On :   30 Nov 2020 11:49 AM GMT

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