ट्रांसफार्मर के लिए 30 किलोमीटर पैदल चलकर आए ग्रामीण -  40 दिन से बंद है तीन ट्रांसफार्मर, अफसरों को सुनाई खरी-खरी

The villagers who walked 30 km for the transformer - three transformers are closed for 40 days
ट्रांसफार्मर के लिए 30 किलोमीटर पैदल चलकर आए ग्रामीण -  40 दिन से बंद है तीन ट्रांसफार्मर, अफसरों को सुनाई खरी-खरी
ट्रांसफार्मर के लिए 30 किलोमीटर पैदल चलकर आए ग्रामीण -  40 दिन से बंद है तीन ट्रांसफार्मर, अफसरों को सुनाई खरी-खरी

डिजिटल डेस्क  कटनी । जिले के ग्रामीण क्षेत्रों ट्रांसफार्मर बंद होने से किसानों में हाहाकार मचा है। घरेलू और कृषि फीडर के ट्रांसफार्मर महीनों से खराब होने से धान की फसल सूख रही है। तहसील बड़वारा क्षेत्र के खितौली सब स्टेशन अंतर्गत लदहर में 40 दिन से ट्रांसफार्मर बंद पड़ा है। फील्ड के अधिकारियों की अनसुनी के चलते 50 ग्रामीण 30 किलोमीटर पैदल चलकर समस्या बताने जिला मुख्यालय के एमपीईबी कार्यालय में पहुंचे।  यहां अफसरों ने नियमों की दुहाई दी तो किसानों ने खरी-खरी भी सुनाई।  फूंके पड़े ट्रांसफार्मर की जगह नया लगाने में सरकारी कायदे की दुहाई देने वाले अफसरों की यह चाल उल्टी पड़ गई। किसानों और ग्रामीणों के सामने जब नवागत अभियंता(ग्रामीण) डीके सोनी ने कहा कि पचास प्रतिशत उपभोक्ता जब बिजली बिल जमा करेंगे, तभी तीन दिन के अंदर नया ट्रांसफार्मर लग सकेगा। इस बार विभाग का पाला जागरुक किसानों से पड़ा। ग्रामीणों के साथ आए क्षेत्र के किसान मनू नारला ने कहा कि यह पक्षपात कुछ जगहों पर ही विभाग कर रहा है। बहुत सी ऐसी जगहें हैं,
जहां पर बिजली बिल जमा नहीं है। इसके बावजूद वहां पर बिजली व्यवस्था बहाल है। अधिकारियों के पास क्या इतना साहस है कि वे ऐसी जगहों से ट्रांसफार्मर निकालने की हिम्मत जुटा पाएंगे। इस पर अफसर ने कहा कि अभी वे तीन दिन पहले ही यहां पर ज्वाइन किए हुए हैं।
तीस किलोमीटर पैदल चलकर पहुंचे
साधन नहीं होने से तीस किलोमीटर पैदल चलकर किसान पहुंचे। कुछ किसान ऐसे रहे। शहर के अंदर ही जैसे किसानों का दल पहुंचा । लोगों में उत्सुकता बढ़ गई। इसके बावजूद समस्याओं का छुटकारा पाने की आश में किसान शांत तरीके से आगे बढ़ते रहे। एमपीईबी परिसर में ही जब एक अन्य कार्यालय में किसान पहुंचे तो वहां पर मौजूद अधिकारी ने सख्त लहजे में उन्हें बाहर जाने को कहा। इस बार जागरुक किसान ने अधिकारी की भाषा में ही अंग्रेजी से उत्तर देते हुए कहा कि बिजली लेना हम सभी किसानों का अधिकार है।
एक-एक कर बंद हुए तीनों ट्रांसफार्मर
अर्जुन सिंह, गुलजार, संतोष सिंह, गोपाल, श्याम लाल दाहिया, रवि सिंह, विनोद कुमार और अन्य किसानों ने अफसरों के सामने बताया कि इस संबंध में 3 सितम्बर को खितौली में जाकर आवेदन दिया गया था। यहां पर जब किसी तरह की सुनवाई नहीं हुई तो इस कार्यालय में कुछ ग्रामीण आए और अफसरों को समस्या बताई। अफसरों की अनसुनी से एक-एक करके तीनों ट्रांसफार्मर खराब हो गए। सबसे अधिक समस्या किसानों के साथ हुई। ट्रांसफार्मर खराब होने से खेतों में लगी धान की फसल सूख गई। समय-समय पर किसान अधिकारियों के पास जाते रहे, फिर भी अफसर समस्याओं को लेकर आंख बंद किए हुए थे।
राशि जमा करने का दिलाया भरोसा
यहां पर किसानों ने अफसरों को भरोसा दिलाया कि इस तरह की समस्या तो नहीं है, फिर भी यदि अधिकारी कह रहे हैं तो हम सभी ग्रामीण निश्चित ही पचास प्रतिशत उपभोक्ताओं का बिजली बिल जमा कराएंगे। अब अफसरों को अपना वादा पूरा करना है। मौके पर ही कार्यपालन अभियंता ने उनके गांव में इंजीनियर को भेजने की बात कही, साथ ही तीन ग्रामीणों के मोबाइल नंबर और नाम भी नोट किए। ग्रामीणों के साथ आए प्रगतिशील किसान मनू नारला ने कहा कि गांव में विद्युत विभाग के कर्मचारियों से कोई भी किसान अभद्रता नहीं करेगा। यदि कोई कर्मचारी किसानों से अभद्रता करता है तो उसका वीडियो ग्रामीण बना लें।
 

Created On :   14 Oct 2020 10:23 AM GMT

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