हर वर्ष पांच फीट नीचे जा रहा धरती का पानी, सूख रहे स्रोत

The water of the earth going down five feet every year, the sources are drying up
हर वर्ष पांच फीट नीचे जा रहा धरती का पानी, सूख रहे स्रोत
हर वर्ष पांच फीट नीचे जा रहा धरती का पानी, सूख रहे स्रोत

विश्व जल दिवस आज - कार्यक्रम में संकल्प लेकर सभी लोग करेंगे बड़े-बड़े वादे
डिजिटल डेस्क  कटनी ।
विश्व जल दिवस पर आज सोमवार को कार्यक्रम कर पानी की एक-एक बूंद बचाने का संकल्प अफसर, जनप्रतिनिधि के साथ हम सभी लेंगे, लेकिन यह शपथ मैदान में हमेशा की तरह दिखावा ही साबित होगा। यह बात हम नहीं बल्कि जलस्तर के आंकड़े ही कह रहे हैं। जलस्तर लगातार नीचे गिरता जा रहा है। यदि इसी तरह से पानी खिसकता रहा तो भविष्य में कई प्रकार की गंभीर चुनौतियों का सामना हम सब को करना पड़ेगा।  एक वर्ष के अंदर ही ग्रामीण क्षेत्रों में तीस फीट तो शहरी क्षेत्र में करीब बीस फीट पानी नीचे चला गया है। शहर में आज से दस वर्ष पहले जहां सभी जगहों पर 40 से 50 फीट में पानी मिल जाता था। अब 70 फीट की खुदाई पर ही पानी मिलता है। इसके पीछे प्रमुख वजह पानी का अंधाधुंध दोहन और जलसंरक्षण के कोरे दावे हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति
पानी का सबसे चिंताजनक स्थिति रीठी और बहोरीबंद क्षेत्र में है। वर्ष 2012 में 98 फीट की गहराई में पानी मिल जाता था तो वर्ष 2013 में इसमें करीब 24 फीट की गरावट हुई। इसी तरह से हर वर्ष एक से दो मीटर पानी नीचे की ओर खिसकता रहा। वर्तमान समय में दो सौ फीट में ही पानी मिल रहा है। एक वर्ष में 20 फीट की गिरावट शहरी क्षेत्र में भी जलस्तर लगातार नीचे की ओर गिर रहा है। पिछले वर्ष गर्मी में जहां 50 फीट की गहराई में पानी मिल जाता था। अब 70 फीट की गहराई में पानी मिल रहा है। शहर के 101 कुंओं में से 60 फीसदी कुंओं का अस्तित्व समाप्त हो चुका है। 40 फीसदी कुंओं का उपयोग तो हो रहा है, लेकिन देखरेख नहीं होने से ये कुंऐ कितने समय तक लोगों का साथ दे पाएंगे। इस बात की चिंता क्षेत्र के लोगों को सताती रहती है। महज पांच दफ्तरों में ही वॉटर हार्वेस्टिंग मौजूदा समय में जिले में पांच दफ्तर ही ऐसे हैं। जहां पर वॉटर हार्वेस्टिंग का सिस्टम लगा है। 20 अन्य जगहों पर बनाए जा रहे हैं। शहर के अंदर 45 हजार घर हैं। एक्सपर्ट की मानें तो यदि एक घर में भी आधा-आधा
मीटर का सोख्ता गड्ढा बनाया जाए तो इससे बारिश के समय एक दिन में 500 लीटर पानी सीधे धरातल में जाएगा।
 

Created On :   22 March 2021 5:45 PM IST

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