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पर्यावरण और आध्यात्म का है गहरा संबंध: ब्रह्माकुमारी बहिनजी
डिजिटल डेस्क, पन्ना। 50वें विश्व पर्यावरण दिवस पर ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय पन्ना द्वारा एक बेहद 75 दिवसीय प्रोजेक्ट ’कल्पत’ का उद्घाटन बड़े ही आध्यात्मिक रीति से किया गया। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत 5 जून से 25 अगस्त 2022 तक कुल 40 लाख से भी अधिक पेड़ लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है तथा एप के माध्यम से व्यक्ति एवं पेड़ का पंजीकरण किया जायेगा। बहिनजी ने समझाते हुये कहा कि, पर्यावरण एवं आध्यात्म का बहुत गहरा संबंध है। भारतीय संस्कृति पर्यावरण के साथ बहुत नजदीक से जुड़ी हुई है। हमारी जीवनशैली सदा ही पर्यावरण मित्रशैली रही है। जो कि पर्यावरण संरक्षण का कार्य स्वत: करती है परन्तु वर्तमान समय में हम प्रकृति से बहुत दूर चले गये हैं और प्रकृति तथा आध्यात्म का समन्वय बिगड़ गया है। जिसके फलस्वरूप प्रकृति के पांचों तत्वों का विध्वंसक रूप ही देखने को मिल रहा है। प्रकृति यह संदेश दे रही है कि, अब यह जागने का समय है, प्रकृति के साथ संबंध जोडक़र उसे देवतुल्य मानने की परम्परा को आधुनिक युग में भी जीवित रखने की अतिआवश्यकता है। अत: अब हम सभी आध्यात्मिक भावनाओं से परिपूर्ण मानव जीवन, मूल्यनिष्ठ समाज और सुखदायी पर्यावरण का संकल्प लें। आगे समझाते हुये कहा कि, आध्यात्मिकता हमें वास्तविकता की ओर ले जाकर प्रकृति और आत्मा के गहरे संबंध का अनुभव कराती है। स्वयं का सत्य ज्ञान ही प्रकृति के प्रति सदभावना उत्पन्न करता है। जब हम स्वयं को पवित्र बनाकर उदारता, सहनशीलता, परोपकार, दया और करूणा अपनाते हैं तो प्रकृति भी उसी अनुरूप अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करती है। जितना आत्मा सतोप्रधान बनती जाती है उतना प्रकृति भी अपनी उन्नत अवस्था को प्राप्त करती है। योग का अर्थ है सम्बंध। हमें योगी जीवन अपनाकर अपने हद्रय में प्रकृति के प्रति निश्छल प्रेम जगाने की आवश्यकता है। आध्यात्मिकता प्रकृति के प्रति जिम्मेवारी को महसूस कराती है। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सुश्री कुसुम सिंह महदेले पूर्व कैबिनेट मंत्री ने कहा कि, मैं जब-जब यहां आती हूं हर बार कोई गुण व अच्छी आदत सीखकर जाती हूं जो मुझे बहुत मदद करती है। आज भी मैं एक प्रेरणा लेकर जा रही हूं कि, हर कार्य हमेंशा शांत रहकर करना चाहिए। कार्यक्रम की बहुत सराहना की। आगे कहा कि, सीता बहनजी के त्यागमय जीवन से हम सभी को प्रेरणा लेकर जीवन को आदर्शमय बनाना चाहिए। डॉ. भारती खरे, डॉ. देवव्रत सिंह, श्रीमती निशा जैन, श्रीमती नम्रता जैन, राजेश सिंह महदेले एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
Created On :   7 Jun 2022 3:14 PM IST