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हद है - फ्लाईओवर निर्माण से पहले ही सँकरी हुई सड़क ,उस पर भी नगर निगम ने खोद दिया गड्ढा, अड़ा दी जेसीबी
बारिश में याद आया चैम्बर की सफाई का काम, संकीर्ण सड़क पर ही रख दिया मटेरियल, गेट नंबर 2 से यातायात पुलिस तिराहा जाने वाले मार्ग तक लगा रहा जाम
डिजिटल डेस्क जबलपुर । कई दिनों तक हलाकान करने वाली उसम से शाम को हल्की बारिश ने राहत तो दिलाई लेकिन जो राहगीर रानीताल से गेट नं. 2 की तरफ से यातायात थाना तिराहे की तरफ पहुँचे, उनके लिए हल्की सी बारिश भी कहर जैसी साबित हो गई। दरअसल, हुआ यूँ कि फ्लाईओवर के निर्माण के चलते संकीर्ण हुई इस सड़क पर नगर निगम ने अपना काम शुरू कर दिया। अचानक उन्हें चैम्बर की सफाई की याद आई और चैम्बर के सीमेंटेड निर्माण को तोड़कर सड़क पर ही उसका ढेर लगा दिया। सामने से जेसीबी मशीन भी अड़ा दी। इसकी वजह से मंगलवार शाम हालात ये बने की पूरी सड़क जाम हो गई। वाहन चालक घंटों फँसे रहे। जो किसी तरह मुड़कर गोलबाजार की तरफ पहुँचे, तो वहाँ भी जाम के हालात बन गए। बारिश के बीच इस जाम में फँसे लोगों ने नगर निगम की कार्यशैली पर सवाल भी खड़े किए। फ्लाईओवर कार्य के कारण वैसे भी सड़क केवल कुछ फीट की बची है उस पर भी निगम की बगैर प्लानिंग की वर्किंग ने मुसीबत को कई गुना बढ़ा दिया। पता चला है कि यहाँ चैम्बर की सफाई का कार्य किया जा रहा था। हनुमान मंदिर के आगे इसी कार्य को लेकर सड़क का चैम्बर तोड़ दिया गया था। शाम को बारिश के दौरान लोग रानीताल की ओर से मंदिर के आगे पहुँचे तो सड़क बंद मिली, जिससे वे लौटने लगे लेकिन अन्य वाहनों ने रास्ता रोक लिया। आपाधापी में टेलीग्राफ गेट नं. दो से यातायात तिराहे के बीच से गोलबाजार की तरफ जाने वाली हर सड़क पर जाम लग गया। करीब एक घंटे तक यही हालात रहे। लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
मुहाने पर पहुँचे तब पता चला
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार नगर निगम या फिर यातायात पुलिस ने बिल्कुल उसी जगह स्टॉपर रख दिया था जहाँ जाकर रास्ता बंद हुआ था। यानी जहां पर खुदाई करके ढेर बनाया गया। यदि यह स्टॉपर रानीताल चौराहे के समीप और इस तरफ महाराष्ट्र हाई स्कूल के समीप रख दिए जाते तो लोग उस सड़क पर ही नहीं जा पाते। उन्हें जाम में नहीं फँसना पड़ता।
परेशानी के लिए दोषी कौन
* सवाल यह है कि निगम यह कार्य कर रहा था तो सड़क को पहले ही स्टॉपर आदि लगाकर बंद कर दिया जाना था लेकिन अधिकारियों की लापरवाही और विभागों में आपसी समन्वय न होने से राहगीरों को नारकीय यातना झेलनी पड़ी।
* नियम कहते हैं कि किसी भी सड़क पर यदि काम किया जा रहा है और उसे पूरी तरह बंद करने की जरूरत है, तो सड़क पर कम से कम 50 मीटर पहले सूचना लगनी चाहिए और सड़क को डायवर्ट किया जाना चाहिए।
* इसके साथ ही यातायात विभाग को भी सूचित किया जाना चाहिए ताकि सड़क बंद होने के कारण यातायात में जो परेशानी हो उसे ट्रैफिक पुलिस सँभाल सके। नगर निगम ने ऐसी कोई सूचना यातायात विभाग को नहीं दी।
इनका कहना है
सड़क पर खुदाई कराना जरूरी था इसलिए स्टॉपर लगाकर सड़क को बंद कर दिया गया था। शाम को या तो स्टॉपर हटा दिए गए जिससे राहगीर उस तरफ आ गए। कर्मचारियों को निर्देश दिए गए हैं कि जहाँ भी सड़क बंद करने की नौबत आए तो पहले ही सड़क को डायवर्ट कर दिया जाए ताकि आवागमन प्रभावित न हो।
-कमलेश श्रीवास्तव, ईई ननि
Created On :   23 Jun 2021 1:56 PM IST