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ओबीसी आरक्षण के लिए एम्पिरिकल डेटा जुटाने में हो रही गड़बड़ी- फडणवीस
डिजिटल डेस्क, मुंबई। विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने आरोप लगाया है कि बांठिया आयोग के जरिए ओबीसी का एम्पिरिकल डेटा तैयार करने के लिए जारी आंकड़ा जुटाने के काम में खामियां हैं। उन्होंने कहा कि ओबीसी का आंकड़ा जुटाने की पद्धति दोषपूर्ण है। इसमें बड़े पैमाने पर गलतियां हो रही हैं। फडणवीस ने कहा कि जिन जिलों में आंकड़ा जुटाने के लिए सर्वे किया गया है वहां पर ओबीसी की जनसंख्या की तुलना में ओबीसी की आबादी बहुत कम दिखाई जा रही है। कई जिलों में ओबीसी के आंकड़ों में काफी चूक हो रही है। इसलिए सरकार को नींद से उठकर तत्काल ठोस कदम उठाना चाहिए। विपक्ष के नेता फडणवीस ने कहा कि यदि सुप्रीम कोर्ट में एक बार ओबीसी का एम्पिरिकल डेटा पेश कर दिया गया तो सरकार उसको वापस नहीं ले सकती है। ऐसे में ओबीसी का आरक्षण बहुत कम हो जाएगा। फडणवीस ने कहा कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने व्यक्तिगत रूप से एक-एक जिलों के आंकड़ों का अध्ययन किया था। इसलिए मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण के साथ स्थानीय निकायों के चुनाव कराने की अनुमति सुप्रीम कोर्ट से मिल सकी है। लेकिन महाराष्ट्र सरकार में ओबीसी के आंकड़ों को जुटाने के काम पर कोई ध्यान ही नहीं दे रहा है। फडणवीस ने कहा कि सरकार के मंत्रियों के अधिकार सीमित हैं। इसलिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को सीधे हस्तक्षेप करना चाहिए। फडणवीस ने कहा कि यदि सरकार ने आंकड़े जुटाने के काम में हो रही गलती में सुधार नहीं किया तो भाजपा मैदान में उतरेगी। इस बीच एक सवाल के जवाब में फडणवीस ने कहा कि भाजपा की राष्ट्रीय सचिव पंकजा मुंडे बड़ी नेता हैं। वह मध्यप्रदेश भाजपा की सह प्रभारी हैं। भाजपा एक परिवार है। हम लोग एक-दूसरे के संपर्क में रहते हैं।
आंशिक रुप से सही है फडणवीस का दावाः वडेट्टीवार
दूसरी ओर प्रदेश के अन्य पिछड़ा बहुजन कल्याण मंत्री विजय वडेड्टीवार ने नागपुर में कहा कि फडणवीस ने ओबीसी का आंकड़ा जुटाने के काम में गलती होने के बारे में जो बात कही है। वह आंशिक रूप से सही है। लेकिन हमें पहले ही इसकी जानकारी मिल चुकी है। इसलिए सरकार सचेत हो गई है। मैंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, बांठिया आयोग और ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव से चर्चा की है। इसलिए अब आंकड़ा जुटाने के काम में संशोधन करने का फैसला किया गया है। वडेड्टीवार ने कहा कि ओबीसी का आंकड़ा जुटाने के लिए ग्राम पंचायतों की मदद ली जाएगी। ग्राम पंचायतों से नागरिकों के उपजाति की जानकारी लेकर आंकड़ा इकट्टा किया जाएगा। वडेड्टीवार ने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री से ओबीसी के आंकड़े जुटाने के काम में गांवों के शिक्षक, ग्राम सेवक, पटवारी की मदद लेने का आग्रह किया है। वडेड्टीवार ने कहा कि सर्वे में आयोग ने उपजाति के आधार पर आंकड़े जुटाए हैं। उदाहरण के रूप में महाराष्ट्र में जाधव उपजाति के लोग कई समाज में हैं। ऐसे में ओबीसी का नुकसान हो सकता है। वडेड्टीवार ने कहा कि ओबीसी आरक्षण मामले में 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। इसलिए सरकार ने बांठिया आयोग से अगले 10 दिनों में ओबीसी के आंकड़े को उपलब्ध कराने के लिए कहा है। इसके बाद सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी का एम्पिरिकल डेटा पेश किया जाएगा।
Created On :   13 Jun 2022 9:17 PM IST