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बारिश होते ही सड़क और नालों में फर्क नहीं रह जाता
डिजिटल डेस्क जबलपुर । शहर में करोड़ों रुपयों से नालों को पक्का कराने का कार्य किया गया था लेकिन अभी भी शहर के अंदर के अधिकांश नाले कच्चे ही हैं जो बारिश के दिनों में खौफ पैदा करते हैं। तेज बारिश होते ही नालों और सड़कों में अंतर समझ नहीं आता है और यहीं लोगों से भूल हो जाती है। बारिश के दौरान शहर में हर साल घटनाएँ होती हैं और कुछ दिनों तक लोग निगम को कोसते हैं उसके बाद सब भूल जाते हैं। खुले हुए नाले न केवल इंसानों के लिए खतरनाक हैं बल्कि जानवर भी इनमें गिरकर या तो घायल होते हैं या जान गँवाते हैं। नगर निगम ने 174 करोड़ रुपयों की लागत से शहर में नालों का पक्कीकरण कार्य कराया था। इसका कार्य एलएंडटी को दिया गया था, कम्पनी ने बड़े नालों को पक्का और सँकरा किया इसके बाद उसने काम समेट लिया।
कई कॉलोनियों में है मुसीबत -
गंगा नगर, रामलीला मैदान गढ़ा, बल्देवबाग, गढ़ा फाटक, रद््दी चौकी, सिद्धबाबा आदि क्षेत्रों में ये खुले नाले इन दिनों नदियों की तरह बह रहे हैं और लोगों की मुसीबत बढ़ा रहे हैं। नगर निगम ने जल्दी ही यदि कच्चे नालों की सुध नहीं ली तो ऐसी और भी घटनाएँ हो सकती हैं।
Created On :   11 Aug 2020 2:44 PM IST