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लंपी रोग बीमारी के कारण राज्य में दूध और मांस की कमी नहीं- विखे पाटील
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश के पशुसंवर्धन तथा दुग्धविकास मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटील ने कहा कि जानवरों में लंपी त्वचा रोग के कारण दूध के उत्पादन पर कोई असर नहीं पड़ा है और मांस की भी कमी नहीं है। लेकिन दूध उत्पादक और वितरक बिना कारण लोगों में भय फैलाने और दूध की कृत्रिम कमी पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। इसलिए सरकार की नजर दूध की कालाबाजारी करने वालों पर है। ऐसे लोगों के खिलाफ सरकार सख्ती से कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि मैं लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि राज्य में न तो दूध की कमी है और न ही मांस की कमी है। मंगलवार को विखे पाटील ने बताया कि राज्य में लंपी रोग से 21 जिले प्रभावित हैं। जिसमें अकोला, अमरावती, बुलढाणा, अहमनदगर, जलगांव, पुणे सहित दूसरे जिलों का समावेश है। राज्य में 2600 पशुधन लंपी रोग के चपेट में आ चुके हैं। लंपी रोग के कारण राज्य में अब तक 42 पशुओं की मौत हुई है। राज्य भर में पौने दो करोड़ पशुधन हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान में लगभग 50 हजार, पंजाब में 20 हजार पशुधन की मौत हुई है। इसके मद्देनजर दूसरे प्रदेश के मुकाबले महाराष्ट्र की स्थिति नियंत्रण में है।
पशुधन आबादी का होगा टीकाकरण
विखे पाटील ने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य में सभी पशुधन का टीकाकरण करने का फैसला लिया है। देश में महाराष्ट्र पहला प्रदेश है जहां पर पूरी पशुधन आबादी का टीकाकरण करने का निर्णय हुआ है। राज्य में अभी तक छह लाख पशुधन का टीकाकरण हो चुका है। राज्य में अगले दस दिनों में 75 लाख टीका उपलब्ध कराने की व्यवस्था कर दी जाएगी। पशुधन के टीकाकरण के लिए व्यापक अभियान चलाया जाएगा। जिससे राज्य में कम से कम पशुओं की मौत हो सके। विखे पाटील ने कहा कि पशुधन को टीका लगाने और दवाई उपलब्ध कराने सहित अन्य खर्च सरकार करेगी। इसके लिए प्रत्येक जिले के जिलाधिकारी को एक-एक करोड़ रुपए उपलब्ध कराए गए हैं। किसानों को जानवरों के टीके और दवाइयों के लिए पैसे नहीं देने पड़ेंगे। विखे पाटील ने कहा कि लंपी रोग से बचाव के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की गई है। ग्रामीण इलाकों में एसओपी का पालन किया जा रहा है। मुंबई जैसे शहरों में काफी तबेला है। इसलिए मुंबई मनपा प्रशासन को एसओपी के पालन के संबंध में उचित निर्देश दिए गए हैं।
अंतरराज्यीय पशु परिवहन पर रोक
विखे पाटील ने कहा कि राज्य में अंतरराज्यीय पशु परिवहन पर रोक लगाई गई है। जिससे दूसरे राज्यों के पशुओं के कारण महाराष्ट्र में लंपी रोग का फैलाव न हो सके। केवल कत्लखाना के लिए आने वाले जानवरों के लिए हेल्थ सर्टिफिकेट अनिवार्य किया गया है। इसके साथ ही महाराष्ट्र में लंपी रोग के चपेट में न आने वाले जिलों में अब अंतर जिला पशु परिवहन पर रोक लगाई गई है। राज्य में पशु मेले के आयोजन पर पाबंदी लगा दी गई है। विखे पाटील ने कहा कि मुंबई के देवनार कत्लखाना को बंद करने के आदेश नहीं दिए गए हैं।
पशु चिकित्सकों की होगी नियुक्ति
विखे पाटील ने कहा कि महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग के माध्यम से भर्ती किए जाने वाले लगभग 250 पशु चिकित्सकों को प्रति महीने 35 हजार के बजाय 50 हजार रुपए वेतन देने का फैसला मंत्रिमंडल ने लिया है। इसके अलावा एक हजार सहायक पशुधन अधिकारियों की ठेके पर नियुक्ति करने का अधिकार विभागीय आयुक्तों को दिए गए हैं। राज्य के पशु चिकित्सा महाविद्यालयों के इंटर्न डॉक्टरों की सेवाएं लेने का फैसला लिया गया है। निजी पशु चिकित्सकों को मानधन पर नियुक्त किया जाएगा।
टॉस्क फोर्स का गठन होगा
विखे पाटील ने कहा कि पशुओं को लंपी रोग से बचाने के लिए पशुसंवर्धन आयुक्त की अध्यक्षता में टॉस्क फोर्स बनाने का फैसला लिया गया है। टॉस्क फोर्स के जरिए एक वॉर रूम शुरू किया जाएगा। इससे 24 घंटे लंपी रोग की स्थिति पर निगरानी रखी जा सकेगी।
लापरवाही का परिणाम भुगत रही राजस्थान सरकार
विखे पाटील ने कहा कि राजस्थान सहित बाकी प्रदेशों में टीकाकरण नहीं किए जाने से जानवरों की मौत हो रही है। राजस्थान में पशुधन का टीकाकरण नहीं किया गया है। राजस्थान में 50 हजार से अधिक जानवरों की मौत हुई है। राजस्थान सरकार अपनी लापरवाही का परिणाम भुगत रही है। 50 हजार से अधिक पशुओं की मौत होने राजस्थान सरकार के लिए अशोभनीय है।
Created On :   13 Sept 2022 9:15 PM IST