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दूध बिक्री में न हो किसी तरह की अड़चन, मंत्री केदार ने दिया पाउडर-पनीर-घी बनाने पर जोर
डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना संकट में दूध उत्पादकों पर भी सबसे अधिक प्रभाव पड़ा है। दूध बिक्री की बड़ी समस्या है। दूध उत्पादक परेशान है। पालतू पशुओं के लिए चारा की भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं हो पा रही है। इन सारे मामलों पर चर्चा के बाद दुग्ध उत्पादन व पशुपालन मंत्री सुनील केदार ने आवश्यक उपाययोजना के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि दूध बिक्री में किसी तरह की अड़चन नहीं होना चाहिए। दूध से पाऊडर, पनीर, घी आदि बनाने पर भी जोर दिया जा रहा है। कोरोना को लेकर उद्योग व्यापार बंद है। खेती के काम के लिए लाकडाउन के नियमों में शिथिलता है लेकिन सभी दुकानें व संस्थाएं बंद होने से दूध उत्पादक किसान परेशान हैं।
दूध उत्पादकों से करें दूध खरीदी
दूग्ध विकास मंत्री सुनील केदार ने कहा कि दूध उत्पादकों से सारा दूध खरीदी कर उससे दुग्धजन्य पदार्थ तैयार करने के लिए इस्तेमाल करें। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के कारण दूध का इस्तेमाल कम होने से दूध उत्पादकों का दूध खरीदी नहीं हो रही है। जिस कारण किसान और दूध उत्पादक मुश्किल में है। जिले का सभी दूध संकलित करने की दृष्टि से तत्काल नियोजन करें। बुधवार को विभागीय आयुक्त कार्यालय के सभागृह में दूध वितरण संस्थाओं और संबंधित अधिकारियों के साथ संयुक्त बैठक में श्री केदार बोल रहे थे। दग्ध विकास मंत्री केदार ने कहा कि निजी दुग्ध संकलन संस्था दूध जन्य पदार्थ की निर्मिती करें। उससे विविध पदार्थ तैयार कर इस पदार्थ से सीधे घर पहुंच सेवा उपलब्ध कराए। इससे लॉकडाउन के समय नागरिकों को घर पहुंच ताजा दूग्ध जन्य पदार्थ सस्ती दरों में उपलब्ध होंगे। मदर डेयरी गर्मियों के दिनों में ध्यान में रखकर ताक का उत्पादन बढ़ाकर शहरभर में मदर डेयरी की गाड़ियां घूमाकर विविध क्षेत्रों में ताक के पाउच बिक्री करें। होम डिलिवरी समय की जरूरत है। दूग्ध जन्य पदार्थ घर पहुंच मिलने से दूग्ध पदार्थ की बिक्री में निश्चित बढ़ोतरी होगी।
विदर्भ में भंडारा व गोंदिया दूध उत्पादक जिले के रुप में भी पहचाने जाते हैं। इन जिलों में दूध खरीदी बिक्री के लिए मंत्री केदार पहले ही प्रयास कर चुके हैं। दूध संघ, निजी दूध संस्थाओं को किसानों से दूध संकलित करने का निर्देश दिया गया है। प्रतिबंध काल में दूध उत्पादक किसानों के लिए व शासकीय दूध योजना के लिए करीब 200 करोड की निधि का प्रावधान किया गया है। राज्य में करीब 10 लाख लीटर से अधिक दूध खरीदकर सरकार पाऊडर बनाने का काम कर रही है।
Created On :   16 April 2020 10:51 AM IST