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नहीं होगा एमयू का विखंडन : मेडिकल यूनिवर्सिटी की कार्यपरिषद् बैठक में सदस्यों की आपत्ति से टला मामला
भास्कर इंपैक्ट - बिना बजट पेश किए 4 माह से चल रही यूनिवर्सिटी
डिजिटल डेस्क जबलपुर । मेडिकल यूनिवर्सिटी को तोडऩे के मंसूबों पर फिलहाल पानी फिर गया है। बुधवार को कुलपति कक्ष में हुई कार्यपरिषद् सदस्यों की बैठक में सदस्यों ने भोपाल में पाँच करोड़ के क्षेत्रीय पुनर्मूल्यांकन केंद्र खोलने समेत भोपाल व ग्वालियर में परीक्षा केंद्र बनाने के प्रस्ताव पर असहमति जताते हुए चर्चा करने से मना कर दिया। हालाँकि इसके बाद भी अधिकारियों द्वारा यह प्रयास किया गया कि किसी तरह इस पर चर्चा हो, लेकिन उनकी चल नहीं पाई। इसके अलावा ईसी सदस्यों ने वित्त से जुड़े सभी प्रस्ताव भी निरस्त कर दिए। इनमें कुलपति आवास एवं अतिथि गृह निर्माण, विवि परिसर की बाउंड्री का निर्माण, वाहन पार्किंग का निर्माण आदि शामिल हैं। निर्माणों के लिए चिन्हित जगह, इस्टीमेट समेत अन्य चीजें स्पष्ट न होने के चलते इन्हें मंजूरी नहीं दी गई। जिसके चलते अधिकारियों की भोपाल में यूनिवर्सिटी से जुड़ा कोई सेंटर शुरू करने की कोशिशें नाकाम हो गईं। उल्लेखनीय है कि "भास्कर" ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था।
लेट फीस के साथ ही होगा एफीलेशन - जिनका एफीलेशन नहीं हो सका, ऐसे नर्सिंग कॉलेजों की संबद्धता को लेकर एफीलेशन पोर्टल खोलने के प्रस्ताव पर भी चर्चा हुई, जिस पर सदस्यों ने केवल लेट फीस के साथ पोर्टल खोलने के लिए हामी भरी। बैठक में कुलसचिव डॉ. जेके गुप्ता, कार्यपरिषद सदस्य डॉ. पीके कसार, डॉ. राजेश धीरावाणी, डॉ. परिमल स्वामी उपस्थित थे। अब तक पेश नहीं हुआ बजट एमयू का इस वर्ष वित्तीय बजट अब तक नहीं पेश हुआ है। जबकि 22 फरवरी को हुई कार्यपरिषद् की बैठक में सदस्यों ने मार्च में बजट पेश करने की सलाह भी दी थी। इस बात को 4 माह हो चुके हैं, लेकिन विवि बिना बजट के चल रहा है। ऐसे में इस बीच हुए वित्तीय लेन-देन में अनियमितताएँ होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। बैठक में सदस्यों ने वित्त से जुड़े प्रस्तावों को बजट की बैठक में पेश करने के लिए कहा है, सीएम ने किया वादा जिसमें वित्त नियंत्रक की भी मौजूदगी हो। अब मंगलवार को बजट पर बैठक होगी। इस मुद्दे को लेकर पाटन विधायक अजय विश्नाई ने बुधवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से चर्चा की। उन्होंने मेडिकल यूनिवर्सिटी के क्षेत्रीय पुनर्मूल्यांकन केंद्र संबंधी प्रस्ताव से सीएम को अवगत कराया, जिसके बाद सीएम ने आश्वासन देते हुए कहा कि मैं मेडिकल यूनिवर्सिटी का विखंडन नहीं होने दूँगा। विधायक द्वारा सीएम को पत्र देकर मेडिकल यूनिवर्सिटी में हो रही विसंगति, अनियमितताओं, वर्तमान हालातों और पदों को लेकर से भी अवगत कराया गया। इसके बाद रजिस्ट्रार का प्रभार आयुष डॉक्टर जेके गुप्ता को दिया गया और डॉ. तृप्ति गुप्ता को गोपनीय विभाग का प्रभार दिया गया है।
Created On :   18 Jun 2021 2:21 PM IST