रादुविवि की सेंट्रल लाइब्रेरी से गायब हो रहीं थीसिस, जिम्मेदार बेखबर

Thesis disappearing from Raduvivis Central Library, responsible oblivious
रादुविवि की सेंट्रल लाइब्रेरी से गायब हो रहीं थीसिस, जिम्मेदार बेखबर
रादुविवि की सेंट्रल लाइब्रेरी से गायब हो रहीं थीसिस, जिम्मेदार बेखबर

ग्रंथालय अटेंडेंट का आरोप - उसकी गैरमौजूदगी में डुप्लीकेट चाबी से खोला जाता है थीसिस रूम का ताला
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय की सेंट्रल लाइब्रेरी यानी की पं. द्वारका प्रसाद मिश्र केन्द्रीय ग्रंथालय से थीसिस गायब हो रही है। लाइब्रेरी के थीसिस रूम के ताले की कई डुप्लीकेट चाबियाँ बना ली गई हैं। यह आरोप ग्रंथालय अटेंडेंट छोटे लाल कुशवाहा ने लगाया है। उनके अनुसार थीसिस रूम का ताला बंद था, चाबी उसके पास थी, लेकिन उसकी गैरमौजूदगी में न जाने किसने थीसिस रूम का ताला खोल िदया। छोटे लाल के मुताबिक ऐसा कई बार हो चुका है। थीसिस के खाली हो रहे रैक इसकी बानगी है। 
 यहाँ थीसिस की संख्या 10 हजार के ऊपर बताई जा रही है। इसमें से 3 हजार के करीब थीसिस ऐसी हैं जिनकी स्थिति बेहद खराब हो चुकी है। जर्जर हालत में पहुँच चुकीं इन थीसिस के पन्ने हाथ लगाने भर से निकलने लगते हैं। जो चीख-चीखकर बाइंडिंग की गुहार लगा रहे हैं। थीसिस रूम में कोई भी, कभी भी बेरोक-टोक प्रवेश कर जाता है। जिसका जब मन करता है अपने सब्जेक्ट की थीसिस उठाकर चलता बनता है। फिलहाल सिर्फ कुछ थीसिस में पंजीयन नंबर अंकित नजर आ रहे हैं। बाकियों की हालत लावारिसों जैसी है। 
इनका कहना है
थीसिस गायब होने की सूचना पर जाँच कराई गई। पता चला है कि ग्रंथालय अटेंडेंट की मानसिक हालत ठीक नहीं है। वह अस्वस्थ है। ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। फिर भी मामले की तह तक जाया जा रहा है।                
 -प्रो. कपिल देव मिश्र, कुलपति, रादुविवि 

Created On :   3 March 2021 3:31 PM IST

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