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कान्वेंट स्कूलों को मात दे रहा है ये 110 साल पुराना सरकारी स्कूल
संतोष शर्मा , गोंदिया। कान्वेंट कल्चर के इस दौर में अपने बच्चों को अच्छे से अच्छे स्कूल में एडमिशन करवाने पेरेंट्स एड़ी-चोटी का जोर लगाते हैं वहीं गोंदिया की एक सरकारी स्कूल कान्वेंट स्कूल को भी मात दे रही है। यहां स्टूडेंट्स को दी जानेवाली सुविधाएं एवं शिक्षा किसी कान्वेंट से कम नहीं है। यह स्कूल है तिरोड़ा तहसील अंतर्गत ग्राम गोंडमोहाड़ी की जिला परिषद उच्च प्राथमिक शाला । इस स्कूल में प्रवेश करते ही मन प्रसन्न हो जाता है। आकर्षक मुख्य प्रवेश द्वार, मैदान में बनाया गया आक्सीजन पार्क, चारों ओर लगाए गए सुंदर पेड़-पौधे, साफ-सुथरे एवं आकर्षक क्लास रूम, वाशिंग स्टेशन सहज ही यहां आनेवाले हर व्यक्ति का ध्यान खींच लेता है। जिले में शायद यह अपनी तरह की एकमात्र स्कूल है, जो किसी भी तरह से निजी पब्लिक स्कूलों से कम नहीं है। यह स्कूल जिला परिषद के साथ ही अन्य प्राइवेट स्कूलों के लिए भी एक आदर्श बन चुकी है।
आदर्श बनी स्कूल
सरकारी स्कूलों में न तो अच्छी शिक्षा मिलती है और न ही स्टूडेंट्स को आधुनिक शिक्षा सामग्री और सुविधाएं मिल पाती है यह धारणा इस स्कूल को देखने के बाद टूट चुकी है । कम विद्यार्थी संख्या के कारण जिले की अनेक जि.प. शालाएं बंद की जा चुकी हैं। इन स्कूलों में पढऩेवाले इक्का-दुक्का स्टूडेंट्स को अन्य नजदीकी शालाओं में स्थानांतरित किया गया है लेकिन गोंडमोहाड़ी की जिला परिषद शाला ने साबित कर दिया है कि, यदि चाहें तो सरकारी शाला भी निजी शालाओं को हर मामले में मात दे सकती है। जरूरत है शासकीय सुविधाएं उपलब्ध करवाने तथा शिक्षकों को गंभीरता से बच्चों को पढ़ाते हुए उनका शिक्षा का स्तर ऊंचा उठाने की। यदि ऐसा हो जाए तो आज भी सरकारी शालाएं निजी शालाओं को हर क्षेत्र में मात देने का माद्दा रखती हैं। इससे न केवल जि.प. शालाओं की विद्यार्थी संख्या में वृद्धि होगी बल्कि सामान्य नागरिकों के बच्चे भी कम पैसों में अच्छी शिक्षा बेहतर सुविधाओं के साथ ग्रहण कर सकेंगे।
179 विद्यार्थी ले रहे शिक्षा
जिला परिषद उच्च प्राथमिक शाला गोंडमोहाड़ी में वर्तमान में कुल 179 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं जिसमें 97 छात्र एवं 82 छात्राओं का समावेश है। यहां 1 ली कक्षा से 7 वीं तक की शिक्षा दी जाती है। शिक्षकों एवं कर्मचारियों की कुल संख्या 9है जिसमें 7 पुरुष व 2 महिलाओं का समावेश है।
110 वर्ष से चल रही है शाला
शाला के मुख्याध्यापक डी.पी.नागपुरे ने बताया कि इस शाला की स्थापना वर्ष1907 में की गई थी। तब से समय के साथ-साथ शाला की स्थिति में भी लगातार बदलाव होता गया है। शाला में पुराने दस्तावेज भी संभालकर रखे गए हैं।
शाला का दर्जा बनाए रखने का प्रयास
जि.प. उच्च प्राथमिक शाला तहसील में प्रथम स्थान पर है। शाला का शिक्षा का स्तर एवं यहां उपलब्ध सुविधाएं, पालकों को शाला में अपने बच्चों को दाखिल करवाने के लिए प्रेरित करती है। हमारा यही प्रयास है कि इस 110 वर्ष पुरानी शाला की गरिमा एवं गुणवत्ता हमेशा बनी रहे।
-जावेद ईनामदार खंडविकास अधिकारी, पंस तिरोड़ा
Created On :   18 April 2018 2:58 PM IST