इंजीनियरिंग की पढ़ाई बीच में छोड़ने वालों को भी मिलेगा प्रमाण-पत्र

Those who leave engineering studies in the middle will also get certificate
इंजीनियरिंग की पढ़ाई बीच में छोड़ने वालों को भी मिलेगा प्रमाण-पत्र
हर साल 100 कॉलेज औसतन बंद इंजीनियरिंग की पढ़ाई बीच में छोड़ने वालों को भी मिलेगा प्रमाण-पत्र

डिजिटल डेस्क, नागपुर. इंजीनियरिंग व अन्य तकनीकी पाठ्यक्रमों की पढ़ाई बीच में छोड़ने वाले विद्यार्थियों के लिए राहत भरी खबर है। अब तक पढ़ाई बीच में छोड़ने वाले विद्यार्थियों के हाथ कुछ नहीं आता था। लेकिन अब अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ऐसे विद्यार्थियों के लिए एक विशेष उपक्रम लेकर आया है, जिसके तहत ऐसे विद्यार्थियों को पूरे किए गए पाठ्यक्रम के आधार पर एक निश्चित प्रमाण-पत्र या डिप्लोमा दिया जाएगा। घर की मजबूरी या अन्य किसी कारणवश पढ़ाई छोड़ने का मन बना चुके विद्यार्थियों को केवल कुछ महीने का "एक्जिट ब्रिज कोर्स" करना होगा। इसमें एआईसीटीई विद्यार्थी की रूचि अनुसार उसका विषय पूरा करा देगा, जिसके आधार पर विद्यार्थी के लिए कई नए रास्ते खुलेंगे। 

खाली सीटें कम करने पर जोर 

नागपुर समेत देश भर के इंजीनियरिंग काॅलेजों में रिक्त सीटों की संख्या बहुत अधिक है। बीते कुछ वर्षों में कम गुणवत्ता वाले इंजीनियरिंग कॉलेजों से विद्यार्थियों का मोह भंग हुआ है, इसलिए सीटें खाली जा रही हैं। ऐसे में एआईसीटीई अब किसी भी नए कॉलेज को अनुमति देने या फिर किसी कॉलेजों की सीटें बढ़ाने के पक्ष में नहीं है। सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि अगले दो वर्षों तक एआईसीटीई नए कॉलेज या सीट बढ़ाने नहीं देगा। उन्होंने कहा कि खाली सीटों को कम करने पर उनका जोर है। बीते तीन वर्षों में इंजीनियरिंग की सीटें 17 लाख से घटकर 14 लाख तक आ गई है। हर साल औसतन 100 कॉलेज बंद किए जा रहे हैं। जिन कॉलेजों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा है, जो एआईसीटीई के मापदंडों पर खरे उतर रहे है, ऐसे ही कॉलेज वर्तमान में अच्छे चल रहे हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि कुछ विशेष मामलों में नए कॉलेज को अनुमति दी जा सकती है। जैसे कोई 20-25 वर्ष पुरानी संस्था अगर अपना पहला इंजीनियरिंग कॉलेज शुरू करना चाहती है, तो एआईसीटीई इस पर फैसला लेने के लिए स्वतंत्र है। 

 

Created On :   25 April 2022 5:28 PM IST

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