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तीन लाख कामगार हुए प्रभावित -अक्षय तृतीया के महामुहूर्त पर नहीं बजेगी शहनाईयां
डिजिटल डेस्क कटनी । लॉकडाउन के चलते अक्षय तृतीया के महामुहूर्त में इस बार शहनाईयां नहीं बजेंगी। कोविड-19 की भयावह स्थिति को देखते हुए इस बार सभी समाज के लोगों ने शादियां टाल दी हैं। जिले में इस दिन औसतन 150 शादियां होती थी। गर्मी के इस सीजन में औसतन दो से तीन हजार वैवाहिक कार्यक्रम संपन्न होते थे। लेकिन इस बार स्थिति दूसरी है। इसका सबसे बड़ा असर बाजार में पड़ा है, करीब दस करोड़ रुपए के नुकसान होने की बात व्यापारी वर्ग बता रहे हैं। बर्तन, सराफा, इलेक्ट्रिानिक्स और फर्नीचर दुकान के साथ सबसे अधिक नुकसान इसमें उन छोटे लोगों का हुआ है। जिनके लिए शादी का यह सीजन उनके जीवकोपर्जन के लिए सबसे महत्वपूर्ण पल होता था। कैट्रस, बैंड बाजे, टेंट और फूल का कारोबार करने वाले लोगों के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है। समाज के लोगों ने कहा कि कोई बात नहीं अभी तो कोरोना से लडऩे की बारी हम सभी लोगों की है। कोरोना से जंग जीतने के बाद शादी-विवाह करने का काम करेंगे।
दो लाख लोग प्रभावित
मार्च माह से शादियां बंद हो जाने से इस कारोबार से अप्रत्यक्ष और प्रत्यक्ष रुप से जुड़े दो लाख लोग सीधे प्रभावित हुए हैं। एक शादी में औसतन सौ लोगों की आवश्यकता पड़ती है। जिसमें बड़े कारोबारियों के साथ छोटे व्यवसाई भी शामिल होते हैं। कोविड-19 ने उनके हाथों से काम छीन लिया। गर्मी का मौसम ही शादियों के लिए जाना जाता है। व्यापारी जो सपना कारोबार को लेकर सजाए हुए थे। उस पर कोविड की मार ऐसी पड़ी कि इस कारोबार से जुड़े कई लोग उधार में फंस गए। पहले जो लोग लाखों रुपए की सामग्री मंगा लिए थे, वे वर्तमान समय में पूरी तरह से अनुपयोगी हैं। लॉकडाउन के समाप्त होने पर शादियों के गिने-चुने ही मुहूर्त बचेंगे। इसे लेकर व्यापारियों में बेचैनी साफ दिखाई दे रही है।
लॉकडाउन के चलते अक्षय तृतीया के महामुहूर्त में इस बार शहनाईयां नहीं बजेंगी। कोविड-19 की भयावह स्थिति को देखते हुए इस बार सभी समाज के लोगों ने शादियां टाल दी हैं। जिले में इस दिन औसतन 150 शादियां होती थी। गर्मी के इस सीजन में औसतन दो से तीन हजार वैवाहिक कार्यक्रम संपन्न होते थे। लेकिन इस बार स्थिति दूसरी है। इसका सबसे बड़ा असर बाजार में पड़ा है, करीब दस करोड़ रुपए के नुकसान होने की बात व्यापारी वर्ग बता रहे हैं। बर्तन, सराफा, इलेक्ट्रिानिक्स और फर्नीचर दुकान के साथ सबसे अधिक नुकसान इसमें उन छोटे लोगों का हुआ है। जिनके लिए शादी का यह सीजन उनके जीवकोपर्जन के लिए सबसे महत्वपूर्ण पल होता था। कैट्रस, बैंड बाजे, टेंट और फूल का कारोबार करने वाले लोगों के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है। समाज के लोगों ने कहा कि कोई बात नहीं अभी तो कोरोना से लडऩे की बारी हम सभी लोगों की है। कोरोना से जंग जीतने के बाद शादी-विवाह करने का काम करेंगे।
Created On :   24 April 2020 4:03 PM IST