तीन बार लगी आग, फायर फाइटिंग मैनेजमेंट हुआ फेल

Three-times fire in forest areas, fire fighting management failed
तीन बार लगी आग, फायर फाइटिंग मैनेजमेंट हुआ फेल
तीन बार लगी आग, फायर फाइटिंग मैनेजमेंट हुआ फेल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। गोरेवाड़ा के जंगल में गुरुवार को लगी आग से जंगल का बड़ा भू-भाग जलकर नष्ट हो गया। इस आग ने गोरेवाड़ा प्रशासन के फायर फाइटिंग मैनेजमेंट की तैयारियों की पोल खोल कर रख दी है। आगजनी से लड़ने के लिए जनवरी माह के मध्य में ही अग्निरेखाएं (फायर लाइनिंग) तैयार करने के निर्देश होते हैं, लेकिन इस ओर ध्यान नहीं देने से यहां आगजनी की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। आलम यह है कि गुरुवार की आग से पहले मंगलवार को भी जंगल में आग लगी थी। बताया जाता है कि यह आग रेस्क्यू सेंटर के पिंजरे तक जा पहुंची थी। समय रहते आग पर काबू पा लिया गया,नहीं तो रेस्क्यू सेंटर में भी आग फैल सकती थी। गौरतलब है कि महीने भर पहले लगी आग में भी करीब दो हेक्टेयर जंगल जलने की सूचना है। जंगल में आग की घटना ने विभाग की न केवल कमियों को उजागर कर दिया बल्कि आगे के समय के लिए सचेत भी कर दिया। 


सेमिनरी हिल्स इलाके में लगाई गई थी आग

बता दें कि बीते वर्ष सेमिनरी हिल्स इलाके में बड़े पैमाने पर शरारती तत्वों ने आग लगाई थी। इस आग पर काबू पाने में वन विभाग को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी, लेकिन इस आगजनी की घटना की शिकायत एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल अर्थात राष्ट्रीय हरित अदालत) में भी की गई थी, लेकिन गोरेवाड़ा के जंगल में बार-बार फेल होती अग्निशमन की उपाययोजनाओं के बाद भी इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। बता दें कि गोरेवाड़ा के जंगल में बड़े पैमाने पर घांस है। सूखी घांस में आग लगने पर वह देखते-देखते बड़ा रूप धारण कर लेती है, ऐसे में इस तरह की स्थितियों से बचने के लिए कर्मचारियों द्वारा भी उपायोजनाएं करने के लिए भी कहा गया था, लेकिन प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। 

Created On :   14 Jan 2018 10:19 AM GMT

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