बाघों का घनत्व बढ़ा, महाराष्ट्र में अब पेंच नंबर वन

Tiger density increased, now Pench number one in Maharashtra
बाघों का घनत्व बढ़ा, महाराष्ट्र में अब पेंच नंबर वन
नागपुर बाघों का घनत्व बढ़ा, महाराष्ट्र में अब पेंच नंबर वन

डिजिटल डेस्क, नागपुर. रविवार को केन्द्र सरकार की ओर से देश भर में बाघों की संख्या जारी की गई है। इसके अनुसार, वाइल्ड लाइफ में 3 हजार 1 सौ 67 बाघ दर्ज किए गए हैं। महाराष्ट्र की बात करें तो कुल 375 बाघ दर्ज किए गए हैं। इसमें नागपुर जिले का पेंच व्याघ्र प्रकल्प पहले स्थान पर है, जहां बाघों का घनत्व 90.91 दिखाया जा रहा है। ऐसे में पेंच में फिर बाघों की संख्या बढ़ने का प्रमाण मिल गया है

ताड़ोबा को पीछे छोड़ा : नागपुर जिले में पेंच व्याघ्र प्रकल्प पर्यटकों के लिए मुख्य है। यहां कुल 6 गेट हैं। हरियाली से सराबोर इस जंगल में हर साल बाघों की संख्या बढ़ रही है। रविवार को वर्ष 2022 में की गई गणना के आंकड़े सामने आए हैं। इसके अनुसार, महाराष्ट्र में बाघों की संख्या बढ़ी है। कुल 375 बाघ दर्ज किये हैं। इसमें सबसे ज्यादा बाघ पेंच में पाए गए हैं। अब रैंकिंग में नागपुर के पेंच ने एमपी के पेंच के साथ राज्य के ताड़ोबा को भी पीछे छोड़कर 8वां स्थान प्राप्त किया है। साथ ही महाराष्ट्र में पहले स्थान पर है। गणना में यहां बाघों का घनत्व 90.91 एमईई दिया है। इसके बाद ताड़ोबा का 87.88 है। मेलघाट में 84.85, नवेगाव-नागझिरा में 83.58, सह्याद्री टाइगर रिजर्व में 78.79 और बोर में 78.03 एमईई है।

आंकड़ों से ज्यादा हो सकते हैं बाघ : जानकारों की मानें तो गणना केवल वाइल्ड लाइफ इलाके की हुई है। वर्तमान में कई बाघ जंगलों से बाहर निकल गए हैं। क्षेत्र की तलाश में यह प्रादेशिक इलाके तक पहुंच गए हैं। इस कारण इनकी गणना नहीं हो पाई है। ऐसे में पूरे राज्य में बताए गए 375 बाघों के आंकड़ों से ज्यादा बाघ राज्य में मौजूद होने की बात कही जा रही है।

परिणाम सकारात्मक : एक समय ऐसा भी आया था, जब बाघों की संख्या लगातार गिरती जा रही थी। अवैध शिकार, जंगल की अंधाधुंध कटाई, वन में खाने की कमी और इनके आवास को नुकसान पहुंचना जैसे इसके प्रमुख कारण थे। खाल, नाखून और दांत के लिए इनका सर्वाधिक शिकार किया गया। विडंबना यह कि कड़े कानून के बावजूद शिकारी फिर भी पकड़े जाते रहे हैं। परिस्थितियों को देख केंद्र सरकार ने खुद बाघों के संरक्षण का जिम्मा संभाला और तब से अनवरत बाघों के संरक्षण के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। सकारात्मक परिणाम नजर भी आ रहे हैं।  

 

Created On :   10 April 2023 1:37 PM IST

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