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बाघों का शिकार मामला : गश्त न करने वाले लापरवाह दो डिप्टी रेंजर, दो बीट गार्ड निलंबित
डिजिटल डेस्क शहडोल । बाघों के शिकार मामले में अपनी जिम्मेदारियों से बचने के लिए वन विभाग के अधिकारी छोटे स्तर के कर्मचारियों को निशाना बना रहे हैं। उमरिया जिले के घुनघुटी वन परिक्षेत्र अंतर्गत बाघ, बाघिन व एक शावक के हुए शिकार मामले में दो डिप्टी रेंजर व दो बीटगार्डों को निलंबित कर दिया गया है। निलंबन की यह कार्रवाई डीएफओ उमरिया वासू कन्नौजिया द्वारा की गई है। काचोदर डिप्टी रेंजर मान सिंह, बीटगार्ड अजय सिंह तथा धौराई के डिप्टी रेंजर मोइन खान व बीटगार्ड नरेश बैगा को सस्पेंड किया गया है। ज्ञात को हो कि धौराई में 3 दिसंबर को एक बाघ एवं 11 दिसंबर को आमगार में बाघिन एवं शावक का करेंट लगाकर शिकार किया गया था। निलंबन के पीछे अधिकारियों द्वारा यह तर्क दिया जा रहा है कि उपरोक्त कर्मचारियों द्वारा शिकार की घटना के 15 दिन पहले से किसी प्रकार की गश्त नहीं किया जा रहा था। यदि गश्त पर निकलते तो शायद बाघों की जान बचाई जा सकती थी।
तो इनकी जिम्मेदारी क्या थी?
बीट गार्ड से लेकर डिप्टी रेंजर स्तर के कर्मचारियों पर लापरवाही का ढीगरा फोड़ तो दिया गया लेकिन अधिकारियों पर कब जिम्मेदारी तय होगी। चर्चा है कि अधिकारियों द्वारा क्यों मानीटरिंग नहीं की जा रही थी। जब निचले स्तर के अधिकारी गश्त पर नहीं निकल रहे थे तब अधिकारी क्या कर रहे थे।
कहां गया दूसरा शावक
बाघिन और उसके एक शावक की मौत शिकार से हो जाने के बाद सवाल उठ रहे हैं कि दूसरा शावक कहां गया। मृत हो चुकी बाघिन के साथ दो शावकों के होने की जानकारी थी। जिसकी तलाश में वन्य प्राणी विशेषज्ञों के साथ बांधवगढ़ से हाथियों के दल को भी बुलाया गया था। लेकिन दूसरे शावक का पता नहीं चला। आशंका जताई जा रही है कि कहीं उसका भी तो शिकार नहीं हो गया। जिसकी भनक विभाग को नहीं है। क्योंकि विभाग को मौतों की खबर 15 दिन बाद चलती है।
Created On :   21 Dec 2017 2:39 PM IST