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40 महीने के बाद जंगल में दहाड़ेगा टाइगर, घोरेल्ला से शावक को मुक्की में छोड़ा

डिजिटल डेस्क मंडला। विश्व विख्यात रिवाइल्डिंग स्कूल ऑफ टाइगर कान्हा नेशनल पार्क में प्रशिक्षण के बाद फिर एक शावक को 40 माह प्रशिक्षण के बाद स्वछंद विचरण के लिये मुक्की जोन में छोड़ा गया है। यहां शावक की दहाड़ जंगल में गूंजेगी। शनिवार को कान्हा प्रबंधन और वैज्ञानिको की टीम ने सफलता पूर्वक घोरेल्ला बाड़े से शावक को मुक्की रेंज में रिलीज किया है।
जानकारी के मुताबिक सितंबर 2017 में कान्हा मैदान में एक सात माह का शावक नाजुक हालत में मिला था। बाघिन शावक को छोड़ गई थी। कान्हा प्रबंधन ने इस शावक को उपचार के बाद प्रशिक्षण के लिये घोरेल्ला बाड़े में रखा। पहले तो शावक को मां से मिलाने का प्रयास किया गया लेकिन मां की पहचान नहीं होने से शावक को प्रशिक्षित करने का फैसला लिया गया। रिवाइल्डिंग स्कूल ऑफ टाइगर के नाम से विख्यात कान्हा नेशनल पार्क के घोरेल्ला बाड़े में 42 माह तक शावक को प्रशिक्षण दिया गया। उसे जंगल में रहने के लिए तैयार किया गया। शिकार करने से लेकर तमाम गुर शावक को सिखाये गये। प्रशिक्षण के बाद टाइगर जंगल में रहने के लिए अब पूरी तरह से तैयार हो गया।
मुक्की में किया रिलीज-
शनिवार को दोपहर के समय घोरेल्ला बाड़े से कान्हा के उपसंचालक को रविन्द्रमणि त्रिपाठी, सहायक संचालक एसएस सेंद्राम, डॉ.संदीप अग्रवाल, राज्य वन अनुसंधान संस्थान जबलपुर से अनिरूद्ध मजूमदार की मौजूदगी में टाइगर को जंगल में छोड़ दिया गया है।
सेटेलाइट कॉलर से निगरानी-
जंगल में छोड़े गये टाइगर की निगरानी कान्हा प्रबंधन द्वारा की जाएगी। जंगल में शिफ्ट करने के पहले डॉ.मजूमदार ने टाइगर को सेटेलाइट कॉलर पहनाई। अब इस कॉलर के माध्यम से टाइगर की निगरानी की जाएगी। टाइगर की लोकेशन, उसका व्यवहार और अन्य वन्य प्राणियो के साथ मेल मिलाप की लगातार निगरानी की जाएगी।