- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- सीधी
- /
- कंजरा बाड़े से पोंड़ी के जंगल में...
कंजरा बाड़े से पोंड़ी के जंगल में छोड़ी गई बाघिन
डिजिटल डेस्क सीधी। पन्ना से आई बाघिन पी-213-33 को संजय टाईगर रिजर्व के कंजरा बाड़े से पोड़ी वन क्षेत्र में छोड़ दिया गया है। इसके पहले वन क्षेत्र में आगजनी की घटना होने के कारण बाघिन को खुले वन क्षेत्र में नहीं छोड़ा गया था। उल्लेखनीय है कि संजय टाईगर रिजर्व में पन्ना से मादा बाघ पी-213-33 को पिछले 25 मार्च को सुबह बेहोश करके लाया गया था। एक माह तक कंजरा बाड़े में बाघिन को रखने के बाद पिछले 27 अप्रैल को खुले वन क्षेत्र में छोड़े जाने की विभाग द्वारा तैयारी कर ली गई थी किंतु इसी बीच टाईगर रिजर्व क्षेत्र में आग लगने की घटना के बाद बाघिन को छोड़े जाने का कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया था।
बताया गया है कि बाघिन को आज दोपहर 2 बजे संजय टाईगर रिजर्व के सीसीएफ विसेंट रहीम एसडीओ बिजेन्द्र खोब्रागड़े, एसडीओ गौर, डा. अभय सेंगर, डा. अमोल जबलपुर, आरओ मार्तण्ड मरावी, वीरभद्र परिहार और टाईगर रिजर्व के स्टाफ की उपस्थिती में बाघिन को छोड़ा गया है। बता दें कि माह भर से ज्यादा उम्र की हुई बाघिन अब स्वत: शिकार के लिये सक्षम हो गई है। इसीलिये उसे कंजरा बाड़े से पोंड़ी वन क्षेत्र में खुले विचरण के लिये छोड़ा गया है।
बाड़े में चल-फिर रही है मचमचा वाली बाघिन
बरही कटनी से बांधवगढ़ आई मचमचा वाली बाघिन प्री मैच्योर डिलेवरी के बाद रिकवर हो रही है। रविवार-सोमवार को जबलपुर से आई वाइल्ड लाइफ डॉक्टरों की टीम ने बाघिन की एक्टिवटी को देखा। इंक्लोजर के भीतर वह आजादी के लिए सामान्य रूप से मूव कर रही थी। वहीं डिलेवरी के बाद मरे हुए अविकसित शावकों का टीम ने निरीक्षण भी किया। डाक्टरों ने संदेह जताया है कि बाघिन की प्री मैच्योर डिलेवरी का कारण साथ में रह रहे मैन ईटर शावकों से नजदीकी भी हो सकता है। वहीं वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट का कहना है कि प्रेग्नेंट बाघिन को ट्रंक्यूलाइज के दौरान दी जाने वाली दवा के ओवरडोज से प्री मैच्योर डिलेवरी का खतरा बढ़ जाता है।
दिन बता पाना संभव नहीं
बरही रेंज में बाघिन को 22 अप्रैल को ट्रंक्यूलाइज किया गया था। अगले दिन 23 अप्रैल को उसे बांधवगढ़ के बहेरहा में शिफ्ट किया गया। बांधवगढ़ में हफ्तेभर बीतने के बाद बाघिन ने अविकसित शावकों को मरा हुआ जन्मा। इसके चलते वन्यजीव प्रेमियों द्वारा ट्रंक्यूलाइज के चलते डिलेवरी की आशंका जताई गई। अब डॉक्टरों की टीम ने मृत शावकों को देखा है। बताया गया कि मृत अविकसित शावक मांस के चीथड़े जैसे थे। 30 फीसदी भी नहीं विकसित हुए थे।
इनका कहना है
डॉक्टरों की टीम ने डिलेवरी के दौरान निकले मांस के टुकड़ों व बाघिन की गतिविधियों का जायजा लिया है। संभवत: बरही में मैन ईटर शावकों के संपर्क में आने से डिलेवरी हुई हो। डॉक्टरों की रिपोर्ट के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। बाघिन बाड़े में चल फिर रही है।
(मृदुल पाठक, डायरेक्टर बीटीआर)
Created On :   8 May 2018 1:22 PM IST