सिग्नल पर टाइमरों ने तोड़ा दम, ज्यादा जल रहा फ्यूल, फैल रहा प्रदूषण

Timers broke at signal, more burning fuel, pollution spreading
सिग्नल पर टाइमरों ने तोड़ा दम, ज्यादा जल रहा फ्यूल, फैल रहा प्रदूषण
सिग्नल पर टाइमरों ने तोड़ा दम, ज्यादा जल रहा फ्यूल, फैल रहा प्रदूषण

विडंबना - शहर के ज्यादातर चौराहे पुराने ढर्रे पर लौटे, ग्रीन सिग्नल के इंतजार में स्टार्ट खड़े रहते हंै वाहन, ईंधन की बर्बादी 
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
शहर के प्रमुख चौराहों में सिग्नल तो चालू हैं लेकिन  इनके टाइमर लंबे समय से  बंद पड़े हैं।  सिग्नल टाइमर बंद होने से वाहनों में पेट्रोल-डीजल की ज्यादा खपत हो रही है साथ ही इससे प्रदूषण को भी बढ़ावा मिल रहा है। लोगों की जेब ढीली होने के साथ कई चौराहों में ज्यादा समय वाले सिग्नल मानसिक पीड़ा का भी कारण बन रहे हैं। ऐसा अक्सर होता है कि  आदमी सिग्नल के नजदीक पहुँचा ही है और सिग्नल रेड हो गया, इन हालातों में वाहन चालू रख इंतजार की घड़ी पीड़ादायक हो जाती है। कब लाइट ग्रीन होगी इसकी टाइमिंग ही पता नहीं चल पा रही है। सिग्नल पर हालाँकि वक्त लंबा नहीं होता लेकिन वाहन चालू रख वेटिंग ज्यादा परेशानी भरी होती है। शहर में नियमित रूप से तीन पत्ती चौराहा, ब्लूम चौक, केंट में पेंटीनाका का सिग्नल ही सेकेण्ड्स का टाइम दर्शाता है। शेष में  सिग्नलों  पर टाइमर ब्लॉक होना बिल्कुल आम बात है। ज्यादातर में तो ये स्थाई रूप से बंद हो चुके हैं। सिग्नल पर टाइमर लगाने का आशय भी यही है कि इससे कितना इंतजार करना है यह पता चल सके। व्यक्ति 90, 80 और 60 सेकेण्ड जैसी टाइमिंग है तो कुछ क्षण वाहन को बंद कर सकता है। जानकारों का कहना है कि सिग्नल की टाइमिंग आरंभ करना बड़ी समस्या नहीं है सामान्य समस्या है जिसका समाधान करने में बड़ी मशक्कत से नहीं गुजरना पड़ेगा पर जिम्मेदार इस पर लंबे समय से ध्यान ही नहीं दे रहे हैं। 
अब रोटरी नहीं कन्ट्रोल इसी से 
मेट्रो शहर में यातायात के बढ़ते दबाव को नियंत्रित करने चौराहों में रोटरी बनाने का चलन खत्म हो गया है। पूरी तरह से यातायात सिग्नल के भरोसे ही संचालित होता है। इससे जल्द से जल्द ट्रैफिक नियंत्रित  होता है साथ ही यदि टाइमर है तो वाहनों में खर्च होने वाले अतिरिक्त ईंधन की बचत भी होती है। एक्सपर्ट ने इस व्यवस्था को सबसे बेहतर माना है।  तीन पत्ती, ब्लूम चौक, नौदरा ब्रिज, रानीताल, पुराना ट्रैफिक थाना, बल्देवबाग, दमोहनाका, कटंगा तिराहा, बंदरिया तिराहा, गोहलपुर तिराहा, लेबर चौक, केंट में पेंटीनाका। 
अब यहाँ पर भी जरूरी 
रद्दी चौकी, बिरसा मुण्डा तिराहा, मेडिकल तिराहा, घमापुर, आईटीआई चुंगी नाका, दीनदयाल चौक, उखरी तिराहा। 
तकनीकी समाधान जल्द  
जिन भी चौराहों में सिग्नल में टाइमर चालू नहीं है उनमें कुछ तकनीकी समस्या है इसको लेकर जल्द समाधान िकया जाएगा। टाइमर चालू हो जाएँ तो निश्चित तौर पर ईंधन की बचत होती है। यह हर लिहाज से बेहतर माने गए हैं। 
बालेन्द्र शुक्ला, टेक्निकल अधिकारी स्मार्ट सिटी       

Created On :   23 March 2021 3:55 PM IST

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